पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिजियोथेरेपी पद्धति के विकास पर बल देते हुए आज कहा कि पिछले कुछ सालों में कई रोगों की सफल चिकित्सा में फिजियोथेरेपी की जरूरत बढ़ी है जिसके मद्देनजर इस पद्धति का विकास होना अनिवार्य है।
नीतीश कुमार ने विश्व फिजियोथेरेपी-ऑकोपेशनल थेरेपी सप्ताह के मौके पर राजधानी पटना के बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑकोपेशनल थेरेपी की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि फिजियोथेरेपी की जरूरत लगातार बढ़ रही है , लेकिन अभी इसकी सुविधा अधिकतर शहरों इलाकों में है। इस पद्धति का विकास होना अनिवार्य है क्योंकि इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। फिजियोथेरेपिस्टों के लिये राज्यस्तरीय काउंसिल के गठन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में इसके लिये प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जब तक फिजियोथेरेपिस्ट को नहीं बैठा देते, तब तक लोगों को पूर्ण स्वास्थ्य सुविधायें नहीं उपलब्ध हो पायेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में विकास एवं विस्तार की चर्चा करते हुए कहा कि पहले एक महीने में जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सिर्फ 39 मरीज आते थे, वहीं आज यह संख्या बढक़र करीब दस हजार तक पहुंच गयी है। बिहार में स्वास्थ्य सुविधायें सुधरी है जिससे राज्य के बाहर इलाज कराने जाने वालों की संख्या में भी कमी आयी है। उन्होंने कहा कि लोगों को बाहर जाने की मजबूरी नहीं हो, बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में इतना विस्तार होना चाहिये और इसके लिए तीव्र गति से कार्य चल रहा है।