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स्वास्थ

पानी पीने के फायदे और नुकसान

मनुष्य के जीवन मे पानी का बडा ही महत्व होता है अगर कम मिले तो भी नुकसान ओर ज्यादा मिले तो भी नुकसान होता है  तो आज ह्म बताते की मनुष्य को जीने के लिये अपने शरीर मे पानी की कितनी मात्रा होनी चाहिये  ओर कब  कितनी मात्रा मे उसका सेवन करना चाहिये जिससे वह स्वस्थ रहे सकता है ओर वह कई  प्रकार की बीमारीयो से मुक्ती प्राप्त कर सकता  है ओर लम्बी आयु को प्राप्त कर सकता है ।

साधारण और गुनगुना पानी~

किसी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर पानी पीने की सलाह देते हैं। दिन में कम से कम रोज़ 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। पानी शरीर से बेकार पदार्थ बहार निकालता है। पानी को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। अगर पानी पीने के फायदे हैं, तो नुकसान भी हैं। पहले हम इन फायदों के बारे में जानते हैं।

इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है.
गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है.
गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभकारी है......
गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है.
गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
शाररिक श्रम करने के पहले थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द चुटकियों में दूर हो जाता है.
यहां आपको कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, ताकि आपको पानी की कमी से होने वाली बीमारियां न घेरें। इसलिए कुछ बातों का ख़ास ध्य़ान रखें।
1.सुबह उठते ही एक गिलास पानी पीना अच्छा होता है। इसे अपनी आदत में शामिल करें। इससे पेट साफ रहता है। पानी पीने से स्किन में रूखापन नहीं होता।
2. सुबह उठने के बाद गरम या गुनगुने पानी में शहद और नींबू डालकर पिया करें। इससे टॉक्सिक एलिमेंट शरीर से निकल जाते हैं और इम्यून सिस्टम भी सही रहता है।
3.कुछ लोग ज़्यादा ही ठंडा पानी पीते हैं। इससे गुर्दे खराब हो सकते हैं। इसलिए ज़्यादा ठंडा पानी न पिएं।
4.अगर आप चाय या कॉफी ज्यादा पीते हैं तो उसकी जगह ग्रीन टी पिएं। इससे एनर्जी मिलती है।
5.सॉफ्ट ड्रिंक की जगह गुनगुना पानी या नींबू पानी पिया करें। आपका एनर्जी लेवल बढ़ेगा और डायजेस्टिव सिस्टम भी सही रहेगा।
6.वजन कम करने के लिए ठंडे पानी की जगह गुनगुना गर्म पानी पीना फायदेमंद होता है।
7. पानी पीने से एसिडिटी हटती है, क्योंकि पानी पेट साफ रखता है।
8. हमारा दिमाग 90 प्रतिशत पानी से बना है। पानी न पीने से भी सिर दर्द होता है।
9. पानी जोड़ों को चिकना बनाता है और जोड़ों का दर्द भी कम करता है।
10. हमारी मांसपेशियों का 80 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है। इसलिए पानी पानी से मांसपेशियों की ऐंठन भी दूर होती है।
बीमारियों से भी दूर रखता है पानी: निम्नलिखित दिक्कतें या स्थिति में भी पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए।
बुखार होने पर। ज़्यादा वर्कआउट करने पर। अगर आप गर्म वातावरण में हैं। प्यास लगे या न लगे, बीच-बीच में पानी पीते रहें। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं रहेगी।बाल झड़ने पर।टेंशन के दौरान।पथरी होने पर। स्किन पर पिंपल्स होने पर।स्किन पर फंगस, खुजली होने पर।यूरिन इन्फेक्शन होने पर।पानी की कमी होने पर। हैजा जैसी बीमारी के दौरान।
आयुर्वेद के अनुसार:
आयुर्वेद के अनुसार हल्का गर्म पानी पीने से पित्त और कफ दोष नहीं होता और डायजेस्टिव सिस्टम सही रहता है। 10 मिनट पानी को उबालें और रख लें। प्यास लगने पर धीरे-धीरे पीते रहें। ऐसा करने से यह पता चलता है कि आप दिन में कितना पानी पीते हैं और कितने समय में पीते हैं। आप पानी उबालते समय उसमें अदरक का एक टुकड़ा भी डाल सकते हैं। इससे फायदा होगा।
उबालने के बाद ठंडा हुआ पानी कफ और पित्त को नहीं बढ़ाता, लेकिन एक दिन या उससे ज़्यादा हो जाने पर वही पानी नहीं पीना चाहिए, क्योंकि बासी हो जाने पर पानी में कुछ ऐसे जीवाणु विकसित हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। बासी पानी वात, कफ और पित्त को बढ़ाता है।
पानी पीने के नुकसान :
1- ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
2- पानी के ओवरडोज़ से आपके शरीर के सेल्स डैमेज हो सकते हैं।
3- जिन मरीज़ों की बाय-पास सर्जरी हुई है, उनमें से कुछ मामलों में भी डॉक्टर्स पानी कम पीने की सलाह देते हैं।
4- जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर में मौजूद वह पाचन रस काम करना बंद कर देता है, जिससे खाना पचता है। इस वजह से खाना देर से पचने लगता है और कई बार खाना पूरी तरह से डाइजेस्ट भी नहीं हो पाता है।
5- हेल्थ विशेषज्ञों के अनुसार, खाने के बाद ठंडा पानी पीने से आपको नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, गर्म खाने के बाद आप जैसे ही ठंडा पानी पीते हैं, शरीर में खाया हुआ ऑयली खाना जमने लगता है। इससे आपकी पाचन शक्ति भी कम हो जाती है। बाद में यह फैट में भी तबदील हो जाता है। इसलिए खाने के बाद गर्म पानी पीने की सलाह दी जाती है।

पानी पीने से जुड़े कुछ ज़रूरी TIPS: 
1- धूप से घर आकर तुरंत पानी न पिएं। यह खतरनाक हो सकता है। 
2- कई बार खाली पेट पानी पीने से सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती हैं।
3- खाने के तुरंत बाद पानी पीने से फैट बढ़ता है और आप आलसी महसूस करते हैं।
4- चिकनाई वाले खाने या खरबूजा, खीरा के तुरंत बाद पानी पीने से खांसी, जुकाम हो सकता है।
5- कई लोगों को पानी पीने से एसिडिटी की भी शिकायत होती है।क्या हेल्दी इंसान को भी दिन में 8 गिलास पानी पीना चाहिए ? रोज़ 8 गिलास पानी पीने के पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। यह जरूरी नहीं कि आप 8 गिलास पानी 8 बार ही पिएं। अनेक बुद्धिजीवियों ने लेख लिखे हैं, जिनमें पानी कितना और कैसे पीना चाहिए, इस पर विचार किया गया है। इस बात को प्रामाणिकता के साथ कहा जा सकता है कि जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें ज़रूरत से ज़्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
हम रोज़ तरल पदार्थ के रूप में चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक लेते हैं। इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। शरीर में कैफीन की मात्रा अधिक होने पर ब्लड की मात्रा कम हो जाती है। ब्लड में कैफीन की मात्रा कम करने के लिए पानी बेहद ज़रूरी है। अगर आप दिन में 4 कप चाय या कॉफी पीते हैं तो कम से कम 8 गिलास पानी ज़रूर पिएं। इससे शरीर का सिस्टम सही रहता है।
शरीर को रोगमुक्त और स्वस्थ रखने के लिए पानी पीना बेहद ज़रूरी है। वयस्क लोगों को दिन में 2.5 लीटर पानी पीना चाहिए। कैलोरी को शरीर में घुलने के लिए पर्याप्त पानी का होना जरूरी है। शरीर से पसीना निकलने, एक्सरसाइज़ करने, डायरिया और किडनी में स्टोन होने पर पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में, जीवन को भी खतरा हो सकता है। शरीर में पानी की कमी होने पर सबसे ज्यादा प्रभाव ब्लैडर पर पड़ता है।
ज़रूरी जानकारी: 
1. हमारे शरीर का 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। प्रतिदिन शरीर को 6 से 10 गिलास पानी की आवश्यकता होती है।इस आवश्यकता का एक बड़ा भाग खाद्य पदार्थों के रूप में शरीर ग्रहण करता है। शेष पानी मनुष्य पीता है। 
2. पानी शरीर के अतिरिक्त तत्व को पसीना और मूत्र के रूप में बाहर निकालने में सहायक होता है, मल के निष्कासन में भी सहायक होता है। 
3. एक वयस्क पुरुष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है। 
4. शरीर की हड्डियों में 22 प्रतिशत पानी होता है, दांतों में 10 प्रतिशत, त्वचा में 20, मस्तिष्क में 74.5, मांसपेशियों में 75.6 और खून में 83 प्रतिशत पानी होता है।

परंतु उपयोग करने से पहले डाक्टर की सलाह आवश्य लेवे । 

27 February, 2017

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