नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के बारे में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में एक खबर छत्तीसगढ़ में भी आ रही है, जहां उसकी नजर हीरे की खान पर थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टोन हीरा खनन के क्षेत्र में रियो टिंटो के साथ मिलकर काम करती है. रियो टिंटो एक माइनिंग एंड मेटल के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी है. एक दैनिक अखबार में छपी खबर के मुताबिक रियो टिंटो के मुख्य सलाहकार जॉनथन रोज ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को बताया था कि प्रदेश के पर्यावरणीय प्रणाली के अध्ययन के लिए रियो टिंटो कंपनी अपने खनन विशेषज्ञों की टीम वहां भेजेगी, जो कि खनन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं का पता लगाएगी. हालांकि सीएम के सचिव ने कहा कि रियो टिंटो के साथ कोई एमओयू नहीं हुआ है.
अरबपति ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी पर आरोप है कि अरबपति आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी व उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिये 11,400 करोड़ रुपये से अधिक के फर्जी लेनदेन किए. पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार (14 फरवरी) सुबह खुलासा किया कि उसने 1.77 अरब डॉलर (11,346 करोड़ रुपए) का धोखाधड़ी वाले लेनदेन पकड़ा है. इस मामले को वसूली के लिए विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है.
रियो टिंटो की बेवसाइट पर जानकारी
रियो टिंटो की आधिकारिक बेवसाइट पर भी इस बात की जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि जुलाई 2010 में छत्तीसगढ़ सरकार ने कंपनी को हीरा, सोना, तांबा, सीसा, चांदी और जिंक के सर्वेक्षण का काम सौंपा था. इसके लिए रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा के करीब 2200 वर्ग किलोमीटर में सर्वेक्षण का काम कंपनी को दिया गया था.
बस्तर में हीरा की तलाश करना चाहता था रियो टिंटो
नक्सल प्रभावित बस्तर में रियो टिंटो ने हीरा की तलाश के लिए प्रदेश सरकार से इजाजत मांगी थी, लेकिन नक्सल हिंसा को देखते हुए सरकार ने कंपनी को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
मध्यप्रदेश में भी थी रियो टिंटो तैयारी
मध्यप्रदेश में रियो टिंटो ने 2004 में 2200 करोड़ की लागत वाले छतरपुर के बक्सवाहा और बदर डायमंड परियोजना में काम शुरू किया था. उस वक्त मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती को कंपनी के गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसकी बाद में जांच की गई और अंततः सर्वे पर रोक लगा दी गई. इतना ही नहीं रियो टिंटो कंपनी ने ओडिशा में भी खनन परियोजना के लिए आवेदन दिया था, लेकिन अनुमति नहीं मिली और प्रोजेक्ट शुरू ही नहीं हो सका.
सौजन्य ; ज़ी न्यूज़