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9 साल पुराने फर्ज़ी एनकाउंटर केस में CBI ने सेना और पुलिस के 8 लोगों को बनाया आरोपी

नई दिल्लीः 31 जुलाई को देश की सबसे बड़ी अदालत ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के डायरेक्टर को मणिपुर किलिंग पर चल रही धीमी जांच और आरोपियो के खुलेआम घूमने को लेकर फटकार लगाई थी. जिसके बाद हरकत में आई जांच एजेंसी ने उसी दिन 9 साल पुराने एक फर्जी एनकाउंटर केस में सेना के एक मेजर विजय सिंह बलहारा, पांच राइफलमैन और मणिपुर पुलिस के दो लोगों को आरोपी बनाया है.

सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक 2009 में आज़ाद खान नाम के नाबालिक लड़के को सेना और पुलिस के जॉइंट ऑपेरशन में मार दिया था. जिसके बाद मृतक लड़के के पिता जस्टिस हेगड़े कमीशन के पास गए थे. जिसको सुप्रीम कोर्ट ने ही अपॉइंट किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सारे मामलों की जांच सीबीआई को सौप दी थी.

सीबीआई ने 41 मामलों की जांच शुरू कर दी थी लेकिन जांच की धीमी गति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को फटकार लगाई थी,अपने बचाव में सीबीआई ने दलील दी थी कि चूंकि मामला सेना, पुलिस और अर्ध सैनिक बालो के खिलाफ है और उनसे जब दस्तावेज मांगे गए तो वो काफी देरी से मिले है.
क्या था पूरा मामला :-
एक एनजीओ ने 2012 में एक याचिका दाखिल कर सन 1979 से 2012 तक 1528 (एक हज़ार पांचसौ अठाईस ) लोगों की जुडिशल किलिंग होने का दावा करते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. 14 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने 4 तरह के केस सीबीआई को दिए. एनएचआरसी , ज्यूडिशियल, जस्टिस संतोष हेगड़े द्वारा जिन 6 केस की सुनवाई की थी वो तमाम केस सीबीआई को जांच करने के लिए दिए. सीबीआई ने शुरुआती जांच करने के बाद 41 केस और 86 विक्टिम वाले केस की जांच सीबीआई ने शुरू की. अक्टूबर 2017 से जांच शुरू की और 27 नई एफआईआर दर्ज की थी , सीबीआई ने लोकल पुलिस, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ से दस्तावेज मांगे थे. जून 2018 को दस्तावेज दिए गए थे जिनमे से कुछ दस्तावेज गायब थे. सीबीआई 1984 से 2012 तक के केस की जांच कर रही है जिसमे से आज दो मामले में चार्जशीट दाखिल कर कुल 14 पुलिस वालों को आरोपी बनाया है.
सौजन्य ; ज़ी न्युज
फाइल फोटो

03 August, 2018

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