नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों की फांसी में लगातार देरी हो रही है. निर्भया के गुनाहगारों को कब फांसी होगी यह सवाल अभी भी बना हुआ है. इसी बीच दोषी पवन के शुरू से वकील रहे एपी सिंह ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है. अब वह दोषी पवन की पैरवी नहीं करेंगे. पवन ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल नहीं की है. अब कोर्ट पवन को नया वकील उपलब्ध कराएगी और नए वकील केस को समझने के लिए और वक़्त की मांग करेंगे. इससे फांसी में अभी और समय लग सकता है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते दोषियों से कहा था कि वह एक हफ्ते में अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल कर लें. इसकी मियाद मंगलवार को पूरी हो गई.
क्यूरेटिव खारिज होने के बाद पवन की मर्सी पिटिशन का ऑप्शन होगा. बाकी सभी दोषियों की क्यूरेटिव और दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है. पवन के वकील एपी सिंह ने बताया था कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पवन की ओर से अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल किया जाएगा. पवन की मुख्य मामले में रिव्यू पिटिशन 9 जुलाई 2018 को खारिज हुई थी.
साथ ही पवन की दलील है कि वह घटना के समय नाबालिग था. ऐसे मे उसका मामला नाबालिग की तरह ट्रीट होना चाहिए. उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को खारिज कर दी थी. इसके बाद रिव्यू खारिज हो गई थी.
पवन की ओर से पहले जूवनाइल मामले में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जानी थी. अगर यह अर्जी खारिज हो जाती है तो फिर पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी. अगर क्यूरेटिव खारिज होती है तब उसकी ओर से दया याचिका दायर की जाएगी.
सौजन्य : ज़ी न्यूज