मिदनापुर. हाल ही में ममता बनर्जी की पार्टी TMC छोड़ने वाले पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की रैली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। इस दौरान कई अन्य टीएमसी नेता भी भाजपा में शामिल हुए। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। इसे बाद ही उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे थे। उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम आंदोलन के चेहरा रहे हैं जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीतिक बढ़त मिली और वह वर्ष 2011 में पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज हुईं।
गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे पर पहुंचते ही वहां की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है. न सिर्फ ममता बनर्जी की टीएमसी बल्कि सीपीआई और कांग्रेस के लिए भी आज का दिन बड़े सियासी घटनाक्रमों से भरा रहा. शाह की मौजूदगी में टीएमसी, सीपाआई, सीपीआई-एम और कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा. टीएमसी को झटका देने वालों में सबसे बड़ा नाम शुवेंदु अधिकारी का है.
तृणमूल कांग्रेस के प्रभावशाली नेता और बंगाल सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री शुवेंदु अधिकारी आज अपने हजारों समर्थकों के साथ अमित शाह की मौजूदरी में बीजेपी में शामिल हो गए. शुवेंदु का जाना टीएमसी के बड़ा झटका है क्योंकि वो बंगाल में पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर माने जाते रहे हैं.
शुवेंदु न सिर्फ ममता सरकार के हिस्सा रहे बल्कि पार्टी का संगठनात्मक कार्य भी देखते थे. ऐसे मंा टीएमसी के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उनसे जुड़े हुए हैं. शुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने साथ ही टीएमसी के बहुत सारे कार्यकर्ताओं ने भी सीएम ममता बनर्जी की पार्टी का साथ छोड़ दिया. शुवेंदु अधिकारी के अलावा टीएमसी, सीपाआई, सीपीआई-एम और कांग्रेस के 9 विधायकों व एक सांसद ने भी बीजेपी का दामन थामा है.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले हुए इस सियासी घटनाक्रम के दूरगामी परिणाम आ सकते हैं. सबसे अहम बात यह है कि ऐसे-ऐसे क्षेत्र के विधायकों ने टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थामा है जहां बीजेपी की स्थिति लोकसभा चुनाव में कमजोर रही थी. इस लिहाज से माना जा सकता है कि आगामी विधान सभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा फायदा हो सकता है.
मीडिया से बातचीत में अमित शाह ने कहा कि वीर शहीद खुदीराम बोस के जन्मस्थान पर आकर यहां की मिट्टी को कपाल पर लगाने का सौभाग्य मिला। स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल और बंगाली सपूतों का योगदान भारत कभी भूला नहीं सकता और खुदीराम बोस इसी परंपरा के वाहक थे। उनहोंने ममता बनर्जी की टीएमसी पर हमला करते हुए कहा, "बंगाल के अंदर जो ओछी राजनीति करते हैं मैं उनको बताने आया हूं कि खुदीराम बोस जितने बंगाल के थे, उतने ही पूरे भारत के थे और पंडित राम प्रसाद बिस्मिल जितने UP के थे उतने ही बंगाल के थे। भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वालों ने कभी इस प्रकार की ओछी राजनीति की कल्पना नहीं की होगी।"