नई दिल्ली। लम्बे समय से किसान और केन्द्र सरकार के बीच नए किसान कानून को लेकर गतिरोध बना हुआ है अब इसमै उम्मीद जागी है की जल्द ही इसका समाधान हो जायगा । किसानों यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर फिर से किसानों से फिर से बातचीत शुरू करने की मांग की है। बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से यह जानकारी दी गई।
किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली के 3 बॉर्डरों पर किसान संगठनों के लोग दिसंबर से बैठे हुए हैं, पंजाब की कियान यूनियनों से आए ज्यादातर किसान सिंघू बॉर्डर पर डेरा लगाए हुए हैं और यूपी से आए किसान गाजीपुर बॉर्डर पर है, इसके अलावा हरियाणा से आए किसान दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। कोरोना की दूसरी लहर की वजह से हालांकि तीनों जगहों पर किसानों की संख्या बहुत कम है। अब किसानों से सरकार को फिर से बातचीत शुरू करने के लिए लिखा है जो गतिरोध दूर करने की दिशा में सकारात्मक कदम हो सकता है।
सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि किसान जब भी बात करना चाहते हैं तो उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं। हालांकि आंदोलन की शुरुआत में सरकार और किसान संगठनों के बीच में कई स्तर की बातचीत हुई है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था। सरकार किसानों से लगातार पूछ रही थी कि तीनों कानूनों में जो भी आपत्ति है वह बताए । परंतु किसान पूरी तरह से तीनों कानूनों को खारिज करने पर अड़े हुए थे
इस साल पंजाब के किसानों से रिकॉर्ड मात्रा में गेहूं की खरीद हुई है और पूरी खरीद समर्थन मूल्य पर की गई है तथा पहली बार राज्य के किसानों की फसल का पैसा सीधे किसानो्ं के खाते में डायरेक्ट ट्रांस्फर किया गया है। जबकि अभी तक इस तरह का कोई भी कोई काननू नही है ।
फाइल फोटो