भोपाल : शुक्रवार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर और सर संघ संचालक के.एस. सुदर्शन की जयंती पर याद कर निवास पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया की रानी लक्ष्मीबाई झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्य क्रान्ति की शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में 19 नवम्बर 1828 को हुआ था। उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था। मनु ने बचपन में शास्त्रों की शिक्षा के साथ शस्त्र की शिक्षा भी ली। सन् 1842 में उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ और वे झाँसी की रानी बनीं। विवाह के बाद उनका नाम लक्ष्मीबाई रखा गया। 18 जून 1858 को ब्रिटानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई शहीद हो गईं।
और राष्ट्रीय स्वयं-सेवक संघ के पाँचवें सर संघ संचालक के.एस. सुदर्शन की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने उनका स्मरण करते हुए ट्वीट किया है कि माँ भारती की सेवा और उन्नति को ही अपना कर्म और धर्म मानकर आजीवन सेवा करने वाले सपूत को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। स्व। के.एस. सुदर्शन का जन्म 18 जून 1931 को रायपुर जिले में हुआ था। श्री सुदर्शन ने दूरसंचार विषय में इंजीनियरिंग की। उन्होंने पंजाब समस्या और असम के आंदोलन के संबंध में ठोस सुझाव दिये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उनके द्वारा किये गये नवाचारों ने शाखाओं के संचालन को नया आयाम दिया।