गुरूवार, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के संकट काल में डॉक्टर साथियों द्वारा की गई त्याग, तपस्या, सेवा और समर्पण के परिणामस्वरूप डॉक्टर्स के लिए जन-जन में यह भाव विकसित हुआ कि "तुम रक्षक काहू को डरना"। गुरुवार को राजधानी में मिंटो हाल ने डॉक्टर्स डे पर चिकित्सकों के सम्मान के दौरान यह बात कही यह डॉक्टर्स के निरंतर परिश्रम का ही परिणाम था कि कोरोना की विकट परिस्थितियों में डॉक्टर की उपस्थिति से लोग "संकट कटे, हरे सब पीड़ा" का अनुभव करने लगते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना अभी गया नहीं है। हर दिन 35 से 40 मरीज मिल रहे हैं। दो मरीज भी नए बढ़ते हैं तो तीसरी लहर की चिंता सताने लगती है। मरीज भले ही कम हो गए हैं, लेकिन सतर्कता छोड़ी तो पिछली बार की तरह आंकड़ा बढ़ने में देर नहीं लगेगी। इस दौरान उन्होंने निजी और सरकारी 11 चिकित्सकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के दौरान जान गवाने वाले 63 चिकित्सकों को श्रद्धांजलि भी दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में पांचवी लहर भी आ गई है। ऐसे में हमें सुकून से नहीं बैठना चाहिए। सुरक्षित शारीरिक दूरी रखें यही कोरोना से बचाव का मंत्र है। उन्होंने कहा कि कोरोना का इलाज करते हुए कहीं डॉक्टर हमारे बीच से हमेशा के लिए चले गए। चिकित्सक ही नहीं पैरामेडिकल स्टाफ भी पुराना मरीजों की सेवा में दिन रात एक कर रहा है। ऐसे लोगों को सलाम है। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने भी डॉक्टरों के सेवा भाव की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 नए मेडिकल कॉलेज और शुरू होने वाले हैं। मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। कोरोना काल में सेवाएँ देने वाले चिकित्सकों को डिजिटल प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए।