नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली में संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय सेवा भारती के सहयोग से आयोजित संत ईश्वर सम्मान 2021 कार्यक्रम मै समलित होने आये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुऐ कहा देश को 75 वर्षों में जितना आगे बढ़ना था, परंतु वह नही बढा । वह उस रास्ते पर नहीं चला जिसमे उसे आगे बढना था । उन्होने आगे कहा कि दुनिया मै जितने महापुरुष हुए है उतने तो हमारे देश में गत 200 वर्षों में हो गए। उनका एक-एक का जीवन सर्वांगीण जीवन की राह दिखाता है ।
संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि आज की नई पीढ़ी ताकतवर है। और वह अगर सोच ले कि देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे तो वह आगे बढ़ेंगा । हमे भगवान श्रीराम के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। और जय श्रीराम कहना चाहिए और उनके जैसा बना भी चहिये ।
मोहन भागवत ने आगे कहा कि एक-एक महापुरषो का जीवन का महान है, जैसे हम जय श्रीराम कहते है कहना भी चाहिए लेकिन श्रीराम जैसा होना भी चाहिए। लेकिन हम तो कहते हैं वह तो भगवान थे लेकिन भरत जैसे भाई को वे प्यार कर सकते हैं, हम तो नहीं करते। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि यहां बहुत तेजस्वी लोग आए आपना काम करके चले गए, किसी को पता नहीं चला उन्हें गुप्त योगी कहते हैं। मनुष्य के पास धर्म है। धर्म कहते ही सब पूजा की और देखने लगते हैं, पूजा तो धर्म का छोटा अंग है। यहां धर्म वो है जिसे मानव धर्म कहते हैं या हिंदू धर्म कहते हैं यानि हिंदुस्तान से निकले सभी धर्म, वो ये नहीं कहते इसकी पूजा करो या उसकी, मैंने ये किया मुझे यह मिला तुम भी करो तुम्हे भी मिलेगा।
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि धर्म के चार पैर हैं- एक सत्य, भौतिक सुख के पीछे भागोगे तो गढ्ढे में गिरोगे, ये भी सत्य है। दुसरा पैर है- करूणा, वैसे तो हर 5 साल बाद सेवा वाले करने वाले आते हैं और तीन चार महीने बाद गायब हो जाते हैं फिर 5 साल बाद उगते हैं ये खेल तो हम देखते ही हैं पर्ंतु वो सेवा नहीं है, मजबूरी में काम करना सेवा नहीं है। मैं सेवा क्यों करता हूं क्योकिं मुझसे रहा नहीं जाता।
विज्ञान भवन में संत ईश्वर सम्मान समारोह-2021 कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । संत ईश्वर सम्मान प्रति वर्ष ऐसे संगठनों एवं व्यक्तियों को दिया जाता है जो समाज की नजरों से दूर रहकर समाज की निस्वार्थ भाव से सेवा का कार्य करते है ।
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