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50 प्लस वुमन ग्रुप की महिलाओ ने बताया की नारी उत्साह की लिपी है पचास के बाद बचपन कैसे जिया जाता है

हर परिवार की एक मजबूत कड़ी होती है महिलाएं और उनके कई नाम होते मां बहन बेटी पत्नी और सास जो उम्र के एक पड़ाव में महत्वपूर्ण रोल होता है। इतनी जिम्मेदारियों के बाद उन्हें पता ही नहीं चलता है कि वे कब 50 की होगई । और उसके बाद बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो वे अपने परिवार की जिम्मेदारियों मैं व्यस्त हो जाते हैं । और वे भुल जाते की परिवार मै एक सद्स्य है जो अपने आप को अकेला पाता है । और उसी अकेले पन को दुर करने के लिये इन्दौर की सुनीला दुबे ने भोपाल मै भी 50 पार की महिलाओ को जोडकर एक ग्रुप बनाया जिसका नाम दिया गया फिफ्टी प्लस वुमन