भोपाल,12 फरवरी ;मध्य प्रदेश के उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिवनी सहित अन्य कई जिलों के जंगल को स्थायी ठिकाना बना चुके जंगल को स्थायी ठिकाना बना चुके जंगली हाथियों को नियंत्रण में रखने के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु से प्रशिक्षित हाथी लाए जाएंगे। वहीं टाइगर रिजर्व में सेवा दे रहे चार हाथियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित हाथी मानव-हाथी द्वंद्व की स्थिति को टालने में काम आएंगे। बता दें कि वर्ष 2020 से अब तक प्रदेश में 15 से अधिक लोगों की मौत जंगली हाथियों के हमले में हो चुकी है।
प्रदेश में 60 से अधिक जंगली हाथी सीधी, शहडोल और सिवनी के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं, जो अक्सर वन ग्रामों में उत्पात मचाते हैं। मप्र के लिए जंगली हाथी नई समस्या है, उन्हें किस तरह से नियंत्रण में करना है, वन अधिकारी यह सीख रहे हैं। कर्नाटक और बंगाल के हाथी विशेषज्ञ प्रदेश के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इन्हीं विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रशिक्षित हाथियों को लाकर मानव-हाथी द्वंद्व की स्थिति को कुछ हद तक टाला जा सकता है।
दरअसल, कर्नाटक और तमिलनाडु के जंगल में हाथी पाए जाते हैं और वे अक्सर आबादी वाले क्षेत्रों में निकल आते हैं। उन्हें वापस जंगल में हांकने के लिए कुछ हाथियों को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हीं में से कुछ लाए जाएंगे।
फाइल फोटो