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.भारत में चाइनीज आइटम के बढ़ते विरोध से चीन बौखलाया

चाइनीज प्रोडक्ट को लेकर देश में चल रही मुहिम अब और तेज हो गई है। देश में दुकानदार और व्यापारी चाइनीज प्रोडक्ट्स का तेजी से बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं लोगों में इस विरोध को लेकर गजब का उत्साहा देखा जा रहा है। जनता खुद ही ऐसे सामना खरीदने से बच रही है जिन पर मेड इन चाइना का ठप्पा लगा हुआ है।
बेहद सस्ते होते हैं चीनी सामान
इस महीने के अंत में दीपावली का त्यौहार है ऐसे में तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामान, प्लास्टिक के डेकोरेटिव आइटम्स, देवी-देवताओं की मूर्तियां आदि चीन से आती हैं।ऐसा नहीं है कि ये सामान भारत में नहीं बनते हैं, भारत में भी इन सामान का उत्पादन होता है लेकिन चीनी आइटम बेहद सस्ते और दिखने में आकर्षक होते हैं इसलिए लोग इन्हें हाथो-हाथ खरीद लेते हैं। पर इस बार की दीपावली पर माहौल कुछ अलग है।
नेपाल के जरिए होती है पटाखों की तस्करी
दीपावली पर हर साल चीनी से नेपाल के जरिए तस्करी के करके 1500 से 2000 करोड़ रुपए तक के आतिशबाजी के आइटम भारतीय बाजार में आते हैं। ट्रेड विश्लेषकों का कहना है कि चीन से आए सामान भारतीय उत्पादों की बिक्री में बाधा उत्पन्न करते हैं। सस्ती लाइट्स और बेहद सस्ते बल्ब्स से भारतीय उत्पाद बाजार में नहीं बिकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय सामानों की कम बिक्री होने से उत्पादनकर्ता को ज्यादा फायदा होता है।
बौखला गया है चीनी मीडिया
वहीं अब चीनी मीडिया भारत में चल रहे बैन चाइना प्रोडक्ट्स को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रही है। चीनी मीडिया ने अपनी सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि भारत और अमेरिका चीनी सामानों के आयात पर नियंत्रण लगा रहे हैं साथ ही एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाकर चीनी सामान के आयात पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
चीनी सरकार से दखल की मांग
वेब पोर्टल इकोनॉमिक टाइम्स ने चीन के प्रमुख अखबार ग्लोबल टाइम्स के हवाले से लिखा है कि साल 2016 की शुरुआत से लेकर अबतक चीनी प्रोडक्ट्स के खिलाफ 15 जांचे बिठाई हैं, चीनी पर्यवेक्षकों का कहना है कि भविष्य में ऐसे और मामले देखने को मिल सकते हैं।
एंटी-डंपिंग ड्यूटी से डरा ड्रैगन
अखबार ने आगे लिखा है कि, भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने चीन से आयात होने वाले स्टील रॉड्स पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है, इससे पता चलता है कि भारत में व्यापारिक संरक्षणवाद बढ़ रहा है, साथ ही ये इशारा भी है कि नई दिल्ली की तरफ से घरेलू स्टील सेक्टर को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा असर चीन के उद्योग पर पड़ रहा है।
भारत के कदम से चीन परेशान
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और अमेरिका की आर्थिक नीतियों ने कॉम्पटीशन बढ़ा दिया है जिससे कारोबारी वैमनस्य बढ़ रहा है। अखबार ने आगे लिखा है कि भारत अपने घरेलू उद्योंगो को बचाने के लिए संरक्षणवादी कदम उठा रहा है। अखबार लिखता है कि भारत और अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर सबसे ज्यादा जांच बिठाई है, ऐसे में चीन के अधिकारियों को नई दिल्ली और वॉशिंगटन पर दबाव बनाना चाहिए। अखबार के मुताबकि, चीन दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक है साथ ही भारत और अमेरिका उसके सबसे बड़े साझीदार हैं।
सस्ते इलेक्ट्रॉनिक आइटम
चीन के सस्ते इलेक्ट्रॉनिक आइटम भारत में तेजी से बिक रहे हैं। 2014 तक एक आंकड़े के मुताबिक भारत और चीन के बीच व्यापार 46 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि इसमें 37 अरब डॉलर चीन का भारत में व्यापार है जबकि महज 9 अरब डॉलर का व्यापार भारतीय कंपनियां चीन में कर रही हैं।
Source: hindi.goodreturns.in

08 October, 2016

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