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लेखक-सत्येंद्र जैन
भोपाल 24 जुलाई ; भाजपा की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वर्ष 2024- 25 संसद के पटल पर प्रस्तुत किया गया है।यह बजट विकसित भारत के ऊषा काल का बजट है।वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र हो जाएगा। वर्तमान में भारत विश्व में पांचवी आर्थिक शक्ति संपन्न देश है। भारत आगामी दो-तीन वर्ष में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का सुफल है कि यह सर्व समावेशी बजट है ।भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।मोदी सरकार ने देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। 48.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।जो पिछले दस सालों में लगभग चौगुना हो गया है। बजट में यह चमत्कारिक वृद्धि भाजपा की मोदी सरकार के उत्तरोत्तर विकास को दर्शाती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागीरथी परिश्रम,अर्थशास्त्रीय सुधारों के कारण दस वर्ष में ही भारत की जीडीपी ,सकल घरेलू उत्पाद भी लगभग तीन गुना बढ़ा है।अंतरिम बजट प्रस्तुति के समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुयोग्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने चुनावी वर्ष होने के उपरांत भी पूंजीगत व्यय को पिछले वर्ष से बढ़कर 11.1111 लाख करोड़ रुपए से अधिक किया है।अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 11.11 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत है।यह मोदी सरकार का साहस है जो चुनावी वर्ष होते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर पर पहले अंतरिम बजट और अभी आम बजट में सर्वाधिक धनराशि व्यय कर रही है।यही कारण है कि देश की जनता ने मोदी सरकार को विजय श्री का आशीर्वाद दिया। एनडीए की सरकार तीसरी बार बनी है। अधिक पूंजीगत व्यय से ही भारत का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है।रोजगार के असंख्य अवसर उपलब्ध होते हैं।यह बजट गरीबों,युवाओं, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है।सर्व समावेशी बजट प्रस्तुत करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन है।यह आम बजट निश्चित ही विकसित भारत की संकल्पना को सिद्ध करेगा।
इस बजट में राजस्व सहित कुल प्राप्तियों का अनुमान 32.07 लाख करोड़ रुपए है।सकल कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपए है। राजकोषीय घाटा जीडीपी के सापेक्ष 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले वित्तीय वर्ष में 4.5 प्रतिशत रखना है।अर्थव्यवस्था की आशा से अधिक विकास दर 8.2 प्रतिशत प्राप्त होने से संभव हुआ है। मुद्रा स्फीति 4.56 प्रतिशत रही है।अगले वित्त वर्ष में 4 प्रतिशत से कम लाने का लक्ष्य है।खाद्य और ईंधन को छोड़कर कोर मुद्रा स्फीति 3.1 प्रतिशत रही है।इस बजट में रोजगार कौशल एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान सरकार ने दिया है।
विकसित भारत की 9 बजट प्राथमिकताएं हैं,स्तम्भ हैं, जो इस प्रकार हैं-
1 कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता
2 रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3 समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4 विनिर्माण और सेवाएं
5 शहरी विकास
6 ऊर्जा सुरक्षा
7 अवसरंचना
8 नवाचार अनुसंधान और विकास
9 अगली पीढ़ी के सुधार
प्राथमिकता 1- कृषि में उत्पादकता और अनुकूलता
कृषि क्षेत्र एवं कृषक कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अनंत ऊर्जा के साथ अखंड प्रचंड पुरुषार्थ कर रहे हैं ।कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों लिए 1.52 लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया है। किसानों को खेती-बाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली जलवायु के अनुकूल किस्मों को जारी किया जाएगा। प्राकृतिक कृषि से जोड़ने के लिए किसानों को प्रमाण पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था की जाएगी। अगले 2 वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ से किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा। उनको प्रमाण पत्र दिया जाएगा।प्राकृतिक खेती के लिए 10000 आवश्यकता आधारित जैव आदान संसाधन केंद्र स्थापित भी किए जाएंगे।3 साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना,डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा।
प्राथमिकता 2- रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
रोजगार और कौशल पर मोदी की गारन्टी है। पांच योजनाओं के द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं के लिए 5 साल में रोजगार कौशल और अन्य अवसरों के लिए पहल की गई है।2 लाख करोड रुपए से अधिक राशि सरकार व्यय करेगी। पहली योजना में ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को ₹15000 तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में युवाओं को दिया जाएगा।दूसरी योजना के अनुसार कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना है ।नौकरी के पहले 4 साल में दोनों के ईपीएफओ के योगदान पर निर्भर है।तीसरी योजना के अनुसार सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए 2 साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 रुपए प्रतिमाह भुगतान करेगी।चौथी योजना अनुसार कौशल के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना अगले 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल बढ़ाया जाएगा।1000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।पांचवी योजना अनुसार 5 साल में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों मे इंटर्नशिप दी जाएगी।7.5 लाख रुपए तक के ऋण सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मॉडल कौशल ऋण योजना और सरकार की योजना के तहत किसी भी योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान बजट में किया गया है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए, औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास की स्थापना करना, महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम उत्पादों को बाजार तक बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार ने बजट प्रावधान किया है।
प्राथमिकता 3- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
पूर्वोदय अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।बिहार के लिए 21400 करोड रुपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएगी 2400 मेगावाट का पिरपैंती में नया विद्युत संयंत्र भी सम्मिलित है। आंध्र प्रदेश के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में 15000 करोड रुपए की विशेष वित्तीय सहायता मोदी सरकार दे रही है।विशाखापट्टनम-चेन्नई और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में औद्योगिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।महिलाओं और कन्याओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड रुपए से अधिक का आवंटन किया गया है।प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान द्वारा जनजाति बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजाति परिवारों का सामाजिक आर्थिक विकास हेतु 63000 गांव में लागू किया जाएगा।5 करोड़ जनजाति जनसंख्या लाभान्वित होगी ।उत्तर पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं प्रारम्भ करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है।
प्राथमिकता 4- विनिर्माण और सेवा क्षेत्र को बढ़ाना
गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक लोन की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी की योजना का प्रावधान किया गया है। संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता बैंक द्वारा जारी रखने के लिए नई व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। तरुण श्रेणी के मुद्रा लोन की सीमा को 10 से बढ़ाकर के 20 लाख रुपए कर दिया गया है।ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड रुपए से ढाई सौ करोड़ का प्रावधान है। लोन, ई-कॉमर्स ,शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि ,न्याय ,लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई सेवा प्रदाय और शहरी शासन के क्षेत्र में डिजिटल सार्वजनिक अधोसंरचना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अनुप्रयोगों का प्रावधान सरकार ने किया है।
प्राथमिकता 5- शहरी विकास
30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों में कार्यान्वयन और वित्त पोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुख विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत 2.2 लाख करोड रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड रुपए के निवेश से अगले 5 वर्ष में एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा।अगले 5 वर्ष में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हॉट या बाजार स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना का प्रावधान किया है।
प्राथमिकता 6- ऊर्जा सुरक्षा
रोजगार विकास और पर्यावरण की आवश्यकताओं के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज तैयार करना। पंप स्टोरेज पॉलिसी विद्युत भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजना को बढ़ावा देने की नीति प्रस्तावित है ।परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना हेतु नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी के प्रयोग से 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और भेल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित है।
प्राथमिकता 7- अधोसंरचना विकास
अधोसंरचना विकास हेतु निवेश के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूंजीगत व्यय के लिए 1111111 करोड़ रुपए का प्रावधान मोदी की गारन्टी है। राज्यों को आधारभूत संरचना को बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड रुपए की ब्याज रहित लंबी अवधि के लोन का प्रावधान मोदी की गारंटी है।25000 गांव के लिए बारहमासी सड़क बनाने के लिए पीएमजीएसवाय का चौथा चरण आरंभ किया जाएगा। बिहार में कोसी मची अंतर राज्य लिंक और अन्य योजनाओं के लिए 11500 करोड रुपए की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। सरकार असम हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।बिहार के गया मे विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर में जैन पथ सर्किट,अन्य मंदिरों का व्यापक विकास करेगी।
प्राथमिकता 8- नवाचार,अनुसंधान और विकास
मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड का प्रावधान किया है।वाणिज्य के स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड रुपए के वित्तीय पूल की व्यवस्था का प्रावधान भी सरकार द्वारा किया गया है। 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को पांच गुना बढ़ाने पर जोर देते हुए 1000 करोड रुपए की उद्यम पूंजी का प्रावधान किया है।
प्राथमिकता 9- अगली पीढ़ी के सुधार
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों हेतु सभी भूखंडों के लिए भूखंड पहचान संख्या अथवा भू आधार,मानचित्रो का डिजिटल करण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र प्रभावों का सर्वेक्षण, भू रजिस्ट्री और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ने का प्रावधान है।शहरी क्षेत्र में भूमि अभिलेख को जीआईएस मैपिंग से अंकिकृत किया जाएगा।श्रमिकों के वन स्टॉप समाधान के लिए इ-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टल से जोड़ना, तेजी से बदलते श्रमिक बाजार कौशल संबंधी जरूरत उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए डेटाबेस तैयार करना, रोजगार इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने की प्रणाली को विकसित करने का प्रावधान।
जीएसटी की सफलता से उत्साहित होकर शेष क्षेत्रों तक विस्तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना का प्रावधान किया गया है।कैंसर दवाइयां को सीमा शुल्क से हटाने का प्रावधान किया है। विनिर्माण हेतु मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग में आने वाले फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर सीमा शुल्क में कम किया है।मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क को घटकर 15% का प्रावधान किया गया है। सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को घटाकर 6 प्रतिशत ,प्लैटिनम पर भी 6.4 प्रतिशत किया गया है। अन्य धातुओं जैसे लोहा,निकल,ब्लिस्टर तांबे पर सीमा शुल्क हटाया है। इलेक्ट्रॉनिक रेजिस्टरों के निर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटा दिया गया है। रसायनों में अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत किया गया है। पीवीसी फ्लेक्स, प्लास्टिक बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया है।विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली पर बीसीडी को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रावधान है।वारंटी वाली वस्तुओं की मरम्मत के लिए फिर से आयात करने की समय सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान किया है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।दो खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रावधान है।सोलर सेल और सोलर पैनलों के विनिर्माण में प्रयोग में आने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर करने का प्रावधान है। प्रत्यक्ष करों को सरल बनाने करदाता सेवाओं में सुधार करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व वृद्धि पर जोर दिया गया है। कॉरपोरेट टैक्स सरलीकृत व्यवस्था के द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने व्यवस्था का लाभ उठाया।स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव है । क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रावधान किया है।अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हारबरों का प्रावधान किया है। विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट टैक्स की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत का प्रस्ताव है।एनपीएस में नियोजन करताओं द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारियों के वेतन के 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान है।20 लाख रुपए तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर दाण्डिक बनाने का प्रस्ताव है।दो प्रतिशत की इक्विलाइजेशन लेवी को वापस करने का प्रावधान है ।वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़कर 75000 रुपये करने का प्रावधान है। पेंशन भोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 से बढ़ाकर 25000 रूपए करने का प्रावधान है।आयकर की दरों को संशोधित करने का प्रावधान है ।300000 तक शून्य आयकर ,3 से 7 लाख रुपए पर 5 प्रतिशत, 7 से 10 लाख रुपए पर 10 प्रतिशत, 10 से 12 लाख रुपए पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपए पर 20 प्रतिशत, 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर प्रस्तावित है।नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी कर्मचारी को आयकर में 17500 रूपए तक की बचत होगी।
इस बजट में भारत के विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है।भारत का यह आम बजट वर्ष 2047 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और विकसित भारत के निर्माण में सोपान सिद्ध होगा।विकसित भारत की संकल्पना है।