पुणे 01अक्टूबर ; मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पुणे में रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी संस्था द्वारा 'पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर और उनके जन-कल्याणकारी सुशासन' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय चर्चा में हुए शामिल हुए | इस अवसर मुख्यमंत्री ने कहा की जिनकी बात करने के लिए हम यहां आए हैं इस पुण्य नगरी पुणे को मैं प्रणाम करता हूं। जिसका गौरवशाली इतिहास है, इसका आनंद ही अलग है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा महाराज शिवाजी का जीवन अद्वितीय था, उन्होंने अत्याचारियों को खूब सबक सिखाया साधारण व्यक्तियों को संगठित कर उन्हें असाधारण बनाना सिर्फ विलक्षण व्यक्तित्व का कार्य हो सकता है और वह व्यक्तित्व महाराज शिवाजी है. जिसको हर रूप में, हर समय अलग-अलग, ऐसा लगता है किसी उज्जवल धवल शीतल बहुत विशाल सागर में लहरें आ रही हैं और उस विशाल सागर में लहरों का केंद्र अगर कोई बनता है। मान लो किसी पक्षी ने अपनी डुबकी लगाई या कहीं से प्रवाह करने वाली धारा दिखाई देती है |
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा भारत को सनातन-संस्कृति और महान विचारों के लिए जाना जाता है, जिसने सदैव ही दुनिया को प्रेरित किया है। इसी संस्कृति के प्रतीक शिवाजी महाराज की जय-जयकार करते हुए हम गर्व का अनुभव करते हैं तो पूरे देश का अगर स्मरण करो तो 300 साल की गारंटी ले सकता हूं कि पूना वो स्थान है जो वर्तमान के रूप में कभी शिवाजी के रूप में दिखाई देता है और कभी हमें बाल गंगाधर तिलक के रूप में दिखाई देता है। जिस कारण से पूना का स्पंदन पूरे देश में दिखाई देता है। कई अर्थों में तो सच में पूना, इंदौर और उज्जैन में फर्क ही नहीं दिखाई पड़ता।