नई दिल्ली : 22 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र् मोदी ने भारत का यह रूख दोहराया है कि रूस-युक्रेन संघर्ष का समाधान शांतिपर्वूक किया जाना चाहिए। उन्होंाने कहा कि भारत, मानवीय प्रयासों को प्राथमिकता देकर क्षेत्र में जल्दक शांति और स्थिरता फिर से स्थातपित करने का पूरी तरह समर्थन करता है। मोदी ने कहा कि भारत इस दिशा में हर प्रकार से सहयोग देने को तैयार है।
रूस के कज़ान में रूस के राष्ट्र्पति व्लाेदिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मोदी ने कहा कि उनकी हाल की रूस यात्रा दोनों देशों के बीच सामंजस्य और गहरी मित्रता दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि उन्हें ब्रिक्स सम्मेलन के लिए कज़ान जैसे सुन्दर शहर की यात्रा का अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि इस शहर के साथ भारत का गहरा और ऐतिहासिक संबंध है। उन्होने आगे कहा कि कज़ान में भारत का नया वाणिज्य दूतावास खोले जाने से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि ब्रिक्से ने 15 वर्षों में अपनी विशेष पहचान बनाई है और अब दुनिया के कई देश इस समूह में शामिल होने के इच्छुचक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध की जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बातचीत में विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर भागीदारी और बढ़ाने के बारे में प्रमुखता से चर्चा की गई। रूस के राष्ट्रपति ने कज़ान में वाणिज्य दूतावास खोलने के भारत के फैसले का स्वागत किया।
बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि बैठक में मोदी ने रूस की ब्रिक्स की अध्यक्षता की सराहना की और सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। उन्हों ने बताया कि दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की।
उन्होंंने इस वर्ष जुलाई में मास्को में उनकी अंतिम बैठक के दौरान लिये गये फैसलों की प्रगति पर विशेष रूप से बातचीत की। दोनों नेताओं ने युक्रेन में जारी संघर्ष सहित विभिन्नष क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।