Hindi News Portal
स्वास्थ

लोक-मंथन: भारत की राष्ट्रीयता ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की पोषक- डॉ. जोशी

भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित विधानसभा भवन में चल रहे लोक-मंथन के दूसरे दिन रविवार को “नव-उदारीकरण और भूमंडलीकरण के दौर में राष्ट्रीयता’’ विषय पर आयोजित सामूहिक सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं भारतीयता के विचारक डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि भारत की राष्ट्रीयता ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की पोषक है जबकि वैश्वीकरण केवल आर्थिक चिंतन है। दोनों में भेद तो है किन्तु समन्वय की जरूरत भी है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी चिंतन में संसार को निर्मित करने वाला संसार के बाहर रहता है, बनाता भी है और सजा भी देता है। मनुष्य को पृथ्वी के उपभोग के लिए भेजता है। पश्चिमी चिंतन में यह माना जाता है कि प्रकृति जड़ है और विचार नहीं कर सकती इसलिए उसका उपभोग करने की स्वतंत्रता है।
डॉ. जोशी ने कहा कि कहा जा रहा है कि ग्लोबलाईजेशन गरीब और गरीब देशों के लिए नहीं है। इसके मूल में भी पश्चिमी चिंतन है कि चेतन अचेतन का शोषण कर सकता है। भारतीय संस्कृति में अर्थ चिंतन का आधार अर्थायाम है अर्थात संतुलन। जरूरत से ज्यादा भी नहीं और आवश्यकता से कम भी नहीं। पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव हम पर भी हो रहा है। परिवार हमारी मूल संस्था है इसका टूटना विश्व का टूटना है। आज का ग्लोबलाईजेशन व्यष्टि, समष्टि और परमेष्टि में बाधा डालता है। समृद्धि से शांति नहीं मिलती इसका संतुलन भारत से समझना होगा। पश्चिम को केवल बाजार चाहिए। हमें परिवार भी चाहिए बाजार भी चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समाज में अर्थ का प्रभाव और अर्थ का अभाव दोनों ही नहीं होना चाहिए। दोनों ही व्यवस्था बिगाड़ देते हैं। ऐसे में करेंसी डिस्टकंटीन्यू करने जैसे फैसले लेने पड़ते हैं। देश में इस समय अर्थ का प्रभाव दिखाकर टैक्स चोरी करने वाले लोगों पर एक्शन लिया गया है। विधानसभा परिसर में चल रहे लोक मंथन के दौरान आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नव उदारीकरण और भूमंडलीकरण के युग में राष्ट्रीयता विषय पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहानी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले का चित्रण करते हुए कहा कि एक बार एक नाव में कुछ लोग जेवरात व अन्य महंगे सामान लेकर जा रहे थे। भगवान ने उनसे पूछा कि इसमें क्या है? तो उन लोगों ने कहा कि इसमें लता-पत्ता लदा है। इस पर भगवान ने कहा कि नाव में रखी सामग्री लता पत्ता हो जाए। ठीक उसी तरह की स्थिति देश में करेंसी के मामले में रही। प्रधानमंत्री ने टैक्स जमा करने के लिए कहा तो लोगों ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में जो करेंसी रखी गई थी और उसका टैक्स जमा नहीं था, उसे भगवान के आशिर्वाद की तरह लता पत्ता में बदल दिया गया और अब उसका कोई मोल नहीं है।
लोक मंथन में आज दूसरे दिन केन्द्रीय मंत्री स्मृति ने आधुनिकता की अवधारणा पर अपनी बात रखी। इसी विषय पर अद्वैत काला, डॉ. अनिर्बान गांगुली के प्रबोधन हुए। इस दौरान राष्ट्रीय आधुनिकता का विरोध नहीं विषय पर प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी, हिंदोल सेनगुप्ता, बलदेव भाई शर्मा, डॉ. श्याम सुंदर दुबे, ने विचार रखे।

 

13 November, 2016

यातायात पुलिसकर्मियों ने मानवीय कार्य हेतु ह्युमन ऑर्गन डोनेट हेतु 40 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया
100 अधिकारी/कर्मचारियों ने कम समय में नियत स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है l
ऑपरेशन के बाद आठ मरीजों की रोशनी हो गई कम, OT सील; कलेक्टर ने जांच के आदेश दिये
शिविर का आयोजन किया गया था उसमें 79 मरीजों की आंखों के ऑपरेशन हुए थे।
स्वास्थ्य विभाग की -होप अस्पताल पर कार्यवाही सील किया ।
निरीक्षण के दौरान अस्पताल बंद मिला
गर्मियों में स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए केवल मॉइश्चराइजर नहीं होगा काफी, ऐसे रखें ख्याल
इस गर्मी में आप अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए 10 उपाय
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने आरडी गार्डी अस्पताल में उज्जैन कैंसर सेंटर का लोकार्पण किया
विश्वस्तरीय उपचार सुविधाएं मिलेंगी