छत्तीसगढ ; राज्य सरकार व्दारा एक अनुठा प्रयोग करने जा रही है की लिंग अनुपात और गर्भ मै मार दी जाने वाली बेटियो को अब सरकार पालेगी। अब जो माता,और पिता अपने अनचाहे बच्चों कुडे के डेर मै या अन्य जगह पर् फैक देते और उनको पालना नही चाहते है वो अपने बच्चे को 'पालना' में छोड़ कर जा सकते हैं. इतना ही नहीं ऐसे मां-बाप की पहचान भी गोपनीय रखी जाएगी. दरअसल लिंग अनुपात और गर्भ में मार दी जाने वाली बेटियों को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 'पालना' योजना शुरू की गई है.
जिला अस्पताल एवं गीदम उप स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक पालना रखकर महिला बाल विकास विभाग ने बेटियों को बचाने के अभियान की शुरुआत की है. इस योजना के शुरुआती दौर में कुछ अस्पतालों में 'पालना' रखे गए हैं. धीरे-धीरे अन्य जगहों पर भी 'पालना' रखने की योजना है.
जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश श्रीवास्तव के मुताबिक इस योजना के तहत किसी वजह से माता-पिता की ओर से त्याग दिए जाने वाले नवजात बच्चों की जिम्मेदारी महिला बाल विकास विभाग लेगा.
इस योजना के तहत चुनिंदा स्थानों पर पालने रखे जाएंगे, जहां अनचाहे बच्चों को छोड़ा जा सकता है. उन्होंने लोगो से अनुरोध किया कि अनचाहे गर्भ को गिराने या नवजात बच्ची को कूड़े के ढेर पर फेंक देने के बजाय पालनों में छोड़ दें, जिससे इनका पालन पोषण अच्छे से हो सके.