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धर्म

इस श्रीहनुमान जी का जन्मोत्सव का ज्योतिष के हिसाब बहुत मह्त्व है

इस वर्ष श्रीहनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 11 अप्रैल 2017 दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है  | इस दिन  विशेष योग बन रहे हैं। चार वर्ष के पश्चात् श्री संकट मोचन की जयंती चंद्रग्रहण से मुक्त रहेगी और तीन वर्ष के पश्चात् मंगलवार के दिन मनाया जाएगा ।
🔥 श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव में राज योग के साथ ही शुक्र मीन राशि में उच्च का हो गए हैं जिसकी सूर्य के साथ युति रहेगी। द्वितीय स्थान पर मेष राशि का मंगल शुभ फलदायी रहेगा। विशेष योग होने के कारण श्रीहनुमान जी का जन्मोत्सव भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगी।

🔥 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2013 से लगातार श्री हनुमान के जन्मोत्सव पर चंद्रग्रहण के योग बन रहे थे लेकिन इस बार चंद्रग्रहण से मुक्त रहेगा। इससे पूजा-अर्चना और आराधना में कोई संकट नहीं आएगा।

🔥 श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव 11 अप्रैल, 2017 मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। हनुमानजी के जन्मदिन का पर्व भक्तों के लिए सबसे बड़ा उत्सव है। हनुमान जयंती रामभक्त हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में समूचे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। महाबली हनुमान को सर्वशक्तिमान देवता के रूप में पूजा जाता है।
🔥 भक्त शिरोमणि श्री हनुमान ने भगवान श्रीराम के चरणों में अपने जीवन को समर्पित कर दिया। हनुमानजी अमर और चिरंजीवी हैं। असंभव कार्यों को भी चुटकियों में पूर्ण करने की क्षमता होने से ही वे संकटमोचन कहलाए हैं। शुद्ध चित होकर इनकी भक्ति करने से सामर्थ्य व शक्ति प्राप्त होती है। इनकी पूजा-अर्चना करने से सोया भाग्य उदित हो जाता है।

🔥 चैत्र शुक्ल पुर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। हनुमान जी का जन्म सुबह रात्रि के चौथे पहर में रात्रि ( प्रात: ) लगभग 04-00 बजे मां अंजना की कोख से हुआ। वे भगवान शिव के 11वें अवतार माने जाते हैं, जो वानरदेव के रूप में इस धरती पर रामभक्ति और राम कार्य सिद्ध करने के लिए अवतरित हुए। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं इसलिए इन्हें जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिन्दूर और चांदी का वर्क चढ़ाया जाता है।
🔥 श्री राम जी की लंबी उम्र के लिए एक बार हनुमानजी ने अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगा लिया। ( जब श्री हनुमान जी ने माता सीता को श्रृंगार करते देखा कि माँ सीता अपने सिर में सिन्दूर लगा रहीं हैं तो पूछ बैठे कि माँ आप क्यों सिन्दूर लगा रही हैं तो सीता जी ने बतलाया कि अपने स्वामी के लम्बी उम्र के लिए तो श्री हनुमान जी ने सोचा कि मेरे तो स्वामी श्री राम जी हैं, इस कारण भगवान राम की लम्बी उमर के लिए वे अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर का लेपन कर लिए | )इसी कारण उन्हें सिन्दूर चढ़ाया जाता है। संध्या के समय दक्षिणमुखी श्री हनुमान जी की मूर्ति के सामने शुद्ध होकर श्री हनुमानजी के चमत्कारिक मंत्रों का जाप किया जाए तो यह अति शुभ फलदायी होता है।

🔥 विशेष संयोगों के कारण इस दिन हनुमानजी की आराधना से श्रद्धालुओं की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
🔥 ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य,मंगल शनि राहु के दोषों के निवारण हेतु हनुमान आराधना विशेष मानी जाती है। पूर्णिमा पर चित्रा नक्षत्र और राजयोग मिलने पर जयंती का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ गया है।

🔥 श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव पर श्री रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड के पाठ को अवश्य करना चाहिए। वेसन की बूंदी, लड्डू व गुड़-चने के प्रसाद का वितरण करना चाहिए। श्री हनुमान चालीसा,श्री रामरक्षा स्तोत्र तथा समस्त हनुमान मंत्र इस दिन सिद्ध होते हैं। हनुमान जी को पान का बीड़ा अवश्य चढ़ाएं। मनोकामना पूर्ति और हर तरह के मंगल के लिए देशी घी की इमरती का भोग लगाना भी शुभ होता है।

🔥 भक्त शिरोमणि "श्री हनुमान जी" के जन्मोत्सवकी हार्दिक शुभकामना🌹🌹🌹

 

11 April, 2017

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