भोपाल। राज्य सरकार से नाराज अध्यापकों ने आखिर विधायकों के घर डेरा डाल ही दिया। गुरुवार को स्कूल की छुट्टी के बाद क्षेत्रीय विधायकों के घर पहुंचे अध्यापक देर रात तक वहीं डटे रहे। उन्होंने विधायकों को ज्ञापन सौंपा और मुख्यमंत्री से बात भी कराई। उधर, अफसरों ने अध्यापकों से शुक्रवार तक की मोहलत मांगी है। वहीं आजाद अध्यापक संघ ने शुक्रवार से बेमुद्दत आंदोलन की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री के वादे के बाद भी छठवें वेतनमान का संशोधित गणना पत्रक और संविलियन (तबादला) नीति जारी नहीं हुई, तो अध्यापक धीरज खो बैठे। उन्होंने तय कार्यक्रम के तहत गुरुवार शाम से क्षेत्रीय विधायकों के घर डेरा डाल दिया। कई विधायकों के घर अध्यापक देर रात तक बैठे रहे। अध्यापकों की मांग पर करीब दो दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री से बात की है। उधर, मंत्रालय में दिनभर संविलियन नीति जारी करने की कवायद चलती रही। दोपहर बाद अचानक गणना पत्रक जारी करने के भी निर्देश आ गए। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों ने आनन-फानन में गणना पत्रक की प्रेसी तैयार कर सीएम समन्वय को भेजी, जो देर शाम तक नहीं लौटी, क्योंकि पत्रक पर सीएम के हस्ताक्षर होना हैं और सीएम बाहर थे। अफसरों ने की नेताओं से बात मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसर और कर्मचारी कल्याण प्रकोष्ठ से अध्यापक नेताओं को फोन किया गया। उनसे विधायकों के घर डेरा डालो अभियान रोकने को कहा गया। साथ ही यह भी कहा कि शुक्रवार शाम 5 बजे तक गणना पत्रक और संविलियन नीति जारी कर देंगे। बेमुद्दत आंदोलन की चेतावनी आजाद अध्यापक संघ के प्रांत अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि गुरुवार को डेरा डालो अभियान सांकेतिक था। यदि शुक्रवार शाम 5 बजे तक दोनों जारी नहीं होते हैं तो इस अभियान को बेमुद्दत कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, राजधानी में फिर से तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। बिजली गुल होने पर उठे अफसर स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर दिनभर संविलियन नीति और गणना पत्रक में लगे रहे। नगरीय प्रशासन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उन कर्मचारियों को भी देर शाम तक रोकने के निर्देश हो गए थे, जो अब तक गणना पत्रक का काम देखते रहे हैं, लेकिन शाम करीब साढ़े 6 बजे मंत्रालय में सेकंड फ्लोर की बिजली गुल हो गई, जो देर रात तक चालू नहीं हुई। तब कहीं अफसरों ने दफ्तर छोड़ा।