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स्वास्थ

अब अपनी आवाज और चहरे को खूबसूरत बनाने की लिए सिर्फ एक इंजेक्शन काफी है

भोपाल (नप्र)।एम्स भोपाल में न्यूरोलॉजिस्टों व न्यूरोसर्जन्स की दो दिनी कॉन्फ्रेंस 'न्यूरोकॉन' में भाग लेने आए एम्स दिल्ली के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनय गोयल ने बताया की आवाज में भारीपन, चेहरे का टेढ़ा हो जाना, बार-बार पलकें झपकना, गर्दन हिलने जैसी कई बीमारियों का इलाज एक इंजेक्शन बोटूलिनम टॉक्सिन से हो सकता है। लेकिन, जागरूक नहीं होने से ऐसे मरीज न्यूरोलॉजिस्टों के पास तक नहीं पहुंच पाते हैं। यह कहना हैका। वे । उन्होंने बताया कि आवाज में भारीपन की कई वजह होती हैं। कई बार जोर लगाने पर बहुत धीमी आवाज आती है। यह अतिरिक्त मांसपेशियों (ओवर मसल्स) की वजह से होता है। ओवर मसल्स से करीब एक दर्जन तरह की दिक्कतें होती हैं। इस बीमारी को डिस्टोनिया कहा जाता है। डॉ. गोयल ने बताया कि बोटूलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन से मरीज सामान्य व्यक्ति जैसे हो जाते हैं। लेकिन इसे हर छह महीने में लगाना पड़ता है। 100 यूनिट के इंजेक्शन की कीमत करीब 20 हजार रुपए है। हां, इस इंजेक्शन का असर 2 से 10 दिन में पाता चलता है। उन्होंने हजारों मरीजों को इस इंजेक्शन से ठीक किया है। डॉ. गोयल ने बताया कि एम्स भोपाल में कार्यशाला का मकसद यह है कि मरीजों को इंजेक्शन के लिए प्रदेश से बाहर न जाना पड़े। डिस्टोनिया (ओवर मसल्स) बीमारी चोट लगने, दवाओं के दुष्प्रभाव, स्ट्रोक, ट्यूमर और इंफेक्शन की वजह से होती है। एम्स भोपाल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरेन्द्र राय ने कहा कि एम्स में भी बोटूलिनम टॉक्सिन से इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है। 

हैदराबाद से आए डॉ एके मीना ने बताया कि माइस्थीनिया ग्रेविस नामक बीमारी में मांसपेशियां इतना कमजोर हो जाती हैं कि खड़े होने में परेशानी होने लगती है। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन भी इस बीमारी से गुजर चुके हैं। इस बीमारी का इलाज भी दवाओं से आसानी से किया जा सकता है। कॉन्फ्रेंस के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा भी मौजूद थे। आयोजन के अध्यक्ष डॉ.टीएन दुबे ने कहा कि कार्यशाला में करीब 30 न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरोसर्जन्स ने हिस्सा लिया।

 

20 June, 2016

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