भोपाल : बुधवार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसे नर्सिंग होम, जो रिहायशी क्षेत्र में पहले से स्थापित हैं, उनको नहीं हटाया जायेगा। भविष्य में मास्टर प्लान में नर्सिंग होम के लिये रिहायशी क्षेत्रों में जगह सुरक्षित रखने के संबंध में प्रावधान किये जायेंगे। श्री चौहान आज यहाँ अपने निवास पर चिकित्सकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने कहा कि चिकित्सा विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप बढ़ायी जायेगी। इस संबंध में अगली केबिनेट में निर्णय लिया जायेगा। नर्सिंग होम्स को अब केवल बीस दिन के अंदर फॉयर एनओसी मिल जायेगी। इसे लोक सेवा गारंटी कानून में लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग होम के लिये एनएबीएच की अनिवार्यता दो साल तक समाप्त की जा रही है। इन दो सालों में नर्सिंग होम इसकी औपचारिकताएँ पूरी कर लें। नर्सिंग होम में मरीज की मृत्यु पर बिना जाँच के धारा 304 नहीं लगाने के संबंध में एक समिति बनायी गई है। समिति में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन के एक सदस्य चिकित्सक को शामिल किया जायेगा। मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों की समयबद्ध पदोन्नति के संबंध में भी विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना को क्रियान्वित करने में शासकीय और निजी चिकित्सा मेडिकल स्टॉफ का योगदान एवं सहयोग महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना में संबल योजना के लाभान्वित परिवारों को भी जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी करने और स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने के लिये मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलने पर उनकी पढ़ाई का खर्चा सरकार उठायेगी। पैसों के अभाव में प्रतिभाशाली बच्चे पीछे नहीं रहने चाहिये।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री राधेश्याम जुलानिया और नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारी सम्मेलन में उपस्थित थे।