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मरकज मामला: मौलाना साद के करीबी से ED ने की पूछताछ, शख्स ने खोले कई राज़

 


नई दिल्ली: दिल्ली निजामुद्दीन मरकज मामले (Nizamuddin Markaz Case) में ED ने मौलाना साद (Maulana Saad) के बेहद करीबी मुरसलीन नाम के शख्स से पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक मुरसलीन विदेशी जमातियों के संपर्क में रहता था और मरकज में आनेवाले डोनेशन की पूरी जानकारी रखता था. मरकज से जुड़े कई खातों के हिसाब किताब भी इसी के पास हैं. मुरसलीन कई बार विदेश यात्राएं भी कर चुका है.

जानकारी के मुताबिक मुरसलीन सारा हिसाब किताब उर्दू में लिखता था. मरकज से जो हिसाब किताब के दस्तावेज क्राइम ब्रांच को मिले थे वो ज्यादातर मुरसलीन ने ही लिखे थे. उन दस्तावेजों को क्राइम ब्रांच ने ED को सौंप दिए थे.

इससे पहले दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) साद के बेटों और रिश्तेदारों समेत कुल 166 जमातियों से पूछताछ कर चुकी है. सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर जमातियों ने क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में माना कि 20 मार्च के बाद मरकज में रुकने के लिए मौलाना साद ने ही बोला था.

ज्यादातर जमातियों ने क्राइम ब्रांच को बताया कि वो खुद से मरकज से निकलना चाहते थे लेकिन मौलाना साद ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक मौलाना साद जानबूझ कर अपना कोविड 19 टेस्ट सरकारी अस्पताल से नहीं करवाना चाहता है. क्योंकि वो जानता है कि जैसे ही सरकारी अस्पताल से कराए हुए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो क्राइम ब्रांच मौलाना साद को पूछताछ के लिए बुला सकती है.

मौलाना साद को इस बात की जानकारी है कि जब तक वो अपनी कोरोना नेगेटिव वाली रिपोर्ट नहीं देगा तब तक क्राइम ब्रांच मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत चाह कर भी पूछताछ के लिए नहीं बुला सकता. इसी बात का फायदा मौलाना उठा रहा है और अपने वकीलों के जरिए मीडिया के एक वर्ग में झूठी खबरें छपवाकर अपने लिए सबूत इकट्ठा कर रहा है. ताकि अखबार की वो कटिंग अदालत में पेश कर अपना पक्ष मजबूत कर सके.

क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक उनके पास काफी सारे सबूत हैं जिससे ये पता चलता है कि निजामुद्दीन के मरकज में लोगों को पुलिस द्वारा नोटिस देने के बाद भी जानबूझ कर रोका गया था. जिसको साबित करने के लिए क्राइम ब्रांच ने 166 जमातियों के ब्यान दर्ज किए हैं.

इसके अलावा क्राइम ब्रांच ने 700 विदेशी जमातियों के पासपोर्ट कैंसिल करने के लिए भी गृह मंत्रालय को लिखा है.

सौजन्य ज़ी न्यूज

 

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