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सरहद पर अब तनाव कम करने के लिए चीन तैयार, विदेश मंत्रियों की बैठक में इन पांच बिंदुओं पर बनी सहमति

नई दिल्ली: भारत और चीन का पिछले कई महीने से लद्दाख में एलओसी के पास तनाव जारी है उसको कम करने के लिए दोनो देशो के विदेश मंत्रीयो की बैठक को करने लिये दोनो देशो मै सहमति बनी है। इस सिलसिले में रूस के मॉस्कोो शहर में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनाव को कम करने पर सहमति जताई। भारत और चीन सीमा विवाद घटाने के लिए 5 सूत्रीय फॉर्मूले पर रजामंदी हो गई है। इस संबंध में एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया है। जिसके मुताबिक, दोनों पक्षों की सेनाएं अपनी बातचीत जारी रखेंगी और अपने स्तर पर तनाव कम करने के प्रयास करेंगी।
संयुक्त बयान में इस बात का भी जिक्र है कि दोनों देश सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के लिए पूर्व में हुए सभी समझौतों को ध्यान में रखेंगे। विदेशमंत्रियों की बैठक में दोनों पक्ष सीमा से जुड़े मामलों पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के माध्यम से बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए हैं। ताकि सीमा क्षेत्रों में शांति कायम करने के लिए विश्वास बनाये रखने के काम तेजी लाये जा सके ।
गौरतलब है कि भारत और चीन दोनों देशों के विदेश मंत्री इस समय शंघाई को-ऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक के सि‍लसिले में इस समय मॉस्कोव में हैं। इससे पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच भी मॉस्को में मुलाकात हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने साफ कर दिया कि LAC पर भारत ने कभी यथास्थिति बदलने का प्रयास नहीं किया। भारतीय विदेश मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भारत एलएसी पर जारी तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है ।
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो पड़ोसी देश होने के नाते यह बहुत स्वाभाविक है कि चीन और भारत में कुछ मुद्दों पर असहमति है, लेकिन अहम बात यह है कि उन असहमतियों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाए। लेकिन जब तक दोनों पक्ष अपने संबंधों को सही दिशा में बढ़ाते रहेंगे, तब तक कोई परेशानी नहीं होगी और ऐसी कोई भी चुनौती नहीं होगी जिसको हल नहीं किया जा सकेगा।'

भारतीय विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में हुई वांग यी और जयशंकर की बैठक पर साझा बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों का मानना है कि एलएसी के मौजूदा हालात दोनों ही पक्षों के हित में नहीं हैं।
इन पांच बिंदुओं पर भारत और चीन में बनी सहमति
1- सीमा से जुड़े मामलों पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र (SR) के माध्यम से संवाद जारी रखा जाएगा।

2- पूर्व के सभी समझौतों को ध्यान में रखा जाएगा।
3- दोनों पक्षों की सेनाएं अपनी बातचीत जारी रखेंगी और अपने स्तर पर तनाव कम करने के प्रयास करेंगी।
4- सीमा क्षेत्रों में शांति के लिए विश्वास कायम करने के प्रयासों में तेजी लाई जाएगी।

5- मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमा पर शांति जरूरी।


दक्षिणी छोर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई गोलीबारी की घटना से दोनों देशों के बीच तनाव बढ गया है जिस कम करने मै दोनो देशो की बातचीत मह्त्वपूर्ण होगी । अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में इस पर चर्चा होगी। भारत सीमा पर शांति के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना की तरफ से 29-30 अगस्त को की गई कार्रवाई के बाद से एलएसी के हालात काफी बदले हैं। दरअसल,भारत ने इस दौरान पैंगोंग सो से रेकिन ला तक एलएसी पर कई अहम ऊंचाई वाली चोटियों पर कब्जा कर लिया। इससे भारत की स्थिति मजबूत हुई है चीन के लद्दाख फ्रंटियर पर करीब 50 हजार सैनिक इकट्ठा हैं। भारत ने भी उसका सामना करने के लिए इतने ही सैनिक तैनात कर दिए हैं।

 

 

11 September, 2020

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