नई दिल्ली। भारत और चीन मै चल रहे एलएसी पर तनाव के बीच आगामी 17 नवंबर को ब्रिक्स की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आमने-सामने होंगे। अगले महीने 17 नवंबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में ये दोनों नेता वर्चुअली मिलेंगे। BRICS देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इस साल के शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक का विषय "वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास के लिए ब्रिक्स की भागीदारी" है। इससे पहले BRICS राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की वर्चुअल मीटिंग रूस में हुई थी। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व अजीत डोभाल ने किया था जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व राजनयिक यांग जिएची ने किया था।
गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से गतिरोध बना हुआ है जिससे दोनों के रिश्तों में तनाव आया है। विवाद के हल के लिये दोनों पक्षों ने कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता की है। हालांकि, गतिरोध को दूर करने में कोई सफलता नहीं मिली ।
2020 में रूसी ब्रिक्स की अध्यक्षता का मुख्य उद्देश्य, ब्रिक्स देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग के लिए और हमारे लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने में योगदान करने के लिए है। इस साल पांचों देशों ने प्रमुख स्तंभों: शांति और सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वित्त, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर करीबी रणनीतिक साझेदारी जारी रखी है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव को कम करने के लिए एक बार फिर से 12 अक्टूरबर को सांतवें दौर की कोर कमांडर लेवल की वार्ता होगी। हालांकि, पिछली कई बैठकों के बाद भी अभी तक भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के टकराव का कोई हल नहीं निकल सका है और सर्दियों का आगाज बस कुछ ही दिनों में होने वाला है। इन सबके बीच अब दोनों देशों के बीच 12 अक्टूवबर को होने वाली कोर कमांडर वार्ता में कुछ परिणाम निकलने की संभावना जताई जा रही है।
फ़ाइल फोटो