नई दिल्ली: कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें किसान संगठनों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की बातचीत
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आज वार्ता कुछ अलग थी. क्योंकि शांति से आंदोलन करने की बात करने वाले किसान बैठक में नाराज हो गए और फिर बहस करने लगे. इस दौरान एक समय ऐसा भी आया जब मीटिंग में किसानों ने लहराए 'जीतेंगे या मरेंगे' के बैनर,तीनों मंत्री बीच मीटिंग में ही हॉल से बाहर चले गए.
बैठक में सरकार और किसानों के बीच कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ें रहे | किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत का ये आठवां दौर दोपहर 2.45 बजे से विज्ञान भवन में शुरू हुआ था। इससे पहले सात दौर की बातचीत में भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था। फिर भी दोनों पक्षों को उम्मीद थी कि बातचीत से कोई समाधान निकल आएगा। लेकिन इस बार भी कोई समाधान नहीं निकला। इस मामले में सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि किसान इस बात पर अड़े हैं कि बात तभी बनेगी जब कृषि कानून वापस लिए जाएंगे, वहीं केंद्र सरकार भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है।
किसानों ने कहा कि सरकार की मंशा थी कि लंबा आंदोलन चलेगा तो यह कामयाब नहीं होगा लेकिन किसान मन बने चुके हैं कि चाहे आंदोलन एक साल तक चले वे अपने हक की लड़ाई के लिए दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहेंगे। दूसरी ओर कुंडली सीमा पर डटे किसानों ने भी जीटी रोड एवं अन्य मार्गों पर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर रैली निकाल कर सरकार को अपना दम दिखाया।