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पाक में पत्रकार को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बोलना भारी पड़ा

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में किसी को भी वहा की सरकार और सेना के खिलाफ बोलना भारी पड सकता है वहा पर सत्ता किसी भी पार्टी हो लेकिन वहां असली राज हमेशा पाकिस्तानी सेना का होता है। आतंकवाद की समर्थक पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बोलना किसी भी पाकिस्तानी के लिए काफी खतरनाक साबित होता है। पाकिस्तान की मिडिया में जाने माने पत्रकारों हामिद मीर को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बोलना भारी पड गया और उनको उसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है। हामिद मीर, जो पाकिस्तान के लिए जिओ टीवी के लिए काम करते हैं, उन्हें अनिश्चित काल के लिए उनका शो करने से रोक दिया गया है।
और उनपर इस्लामाबाद में अज्ञात हमलवारों व्दारा उनके अपार्टमेंट में हमला किया गया था।
दरअसल हामिद मीर ने पत्रकार असद तूर के खिलाफ अज्ञात हमलावर द्वारा की गए हमले की निंदा की थी और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ टिप्पणी की थी। पत्रकार असद तूर को पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया सेवा का कड़ा आलोचक माना जाता है।

पत्रकार हामिद मीर करीब दो दशकों से जिओ टीवी पर 'कैपिटल टॉक' नाम से शो करते हैं। मीर ने ट्विटर पर लिखा, "मेरे लिए कुछ भी नया नहीं है। मुझे पहले दो बार प्रतिबंधित किया गया था। दो बार नौकरी गंवाई। मेरी हत्या के प्रयास किए गए, लेकिन संविधान में दिए गए अधिकारों के तहत आवाज उठाने से नहीं रोक सके। इस बार मैं किसी भी परिणाम के लिए तैयार हूं और किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं

01 June, 2021

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