अलीगढ़: देश और दुनिया मै मजबुती के लिए मशहूर अलीगढ़ के ताले और वहा ताला बनाने वाले सत्यप्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रूक्मणी शर्मा ने साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा और 30 किलो की चाभी से खुलने वाला ताला बनाया है । और यह ताला अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर को दंपति द्वारा समर्पित किया जाएगा। दो लाख वाले इस ताले पर रामदरबार की आकृति उकेरी गई है। अलीगढ़ ज्वालापुरी निवासी सत्यप्रकाश ने बताया कि इस ताले को बनाने में करीब 6 माह का समय लगा है। उन्होंने बताया कि इसका वजन चार सौ किलो है। लम्बाई दस फिट की है। चैड़ाई साढ़े चार फिट की है। 30 किलो की चाबी है। इसे बनाने में कुल दो लाख का खर्च आया है। अभी एक लाख रुपए में तैयार किया गया है। मंदिर में देने से पहले सत्यप्रकाश इसमें पीतल का काम करेंगे।
उन्होंने बताया कि अयोध्या के लिए भेजने से पहले इस ताले में कई बदलाव किए जाएंगे। बॉक्स, लीवर, हुड़का को पीतल से तैयार किया जाएगा। ताले पर स्टील की स्क्रेप सीट लगाई जाएगी जिससे जंग न लगे। इसके लिए उन्हें और धन की उपलब्ध कराने के लिये अपील की है जिससे वो इस कार्य को पूर्ण कर सके और उन्हे विश्वास है कि भगवान रामलला कृपा से उनकी इच्छा जरुर पुरी होगी । इससे पहले सत्यनारायण शर्मा ने 300 किलो का ताला बनाया था ।
65 वर्षीय सत्यप्रकाशने बताया की यह उनका पुश्तेनी काम है ।उन्होने बतया की अलीगढ़ की पहचान बनाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा ताला बनाकर तैयार कर दिया है। छह इंच मोटाई का यह ताला लोहे का है। इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं। चार फीट का ताले का कड़ा है। इस कला को बढ़ावा देने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। अभी जो काम किया है। उसके लिए ब्याज में पैसे लेकर काम किया है। उन्होंने बताया कि यह ताला मंदिर के म्यूजियम रखा जाए और 26 जनवरी को नई दिल्ली की परेड में होने वाली परेड में शामिल कर लिया जाए।