लखनऊ ,31 जुलाई ; सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि सत्ता पर कब्जा और केवल सत्ता पर कब्जा यही भाजपा का प्रथम और अंतिम ध्येय है जिसके इर्द-गिर्द उसकी राजनीति घूमती रहती है। सत्ता पाने के लिए भाजपा किसी भी स्तर तक जाने में नहीं हिचकती है। उन्होंने हमलावर होते हुए कहा कि भाजपा का ताजा एजेण्डा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र को हाशिये पर पहुंचाकर सत्ता में अपना वर्चस्व बनाए रखना है। इसके लिए चित्रकूट में इन दिनों भाजपा की मंथन, चिंतन, भोजन और विश्राम की कवायद चल रही है। यह चिंतन-मनन अपनी नाकामियों को छुपाने और जनता को अपने छलबल से भ्रमित कर उससे वोट बटोरने तक सीमित है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के पास 8 साल में उपलब्धियों के नाम पर बताने को कुछ नहीं बचा है। भाजपा सरकार ने विकास की दिशा में एक भी कदम नहीं उठाया है। भाजपा विकास की चर्चा से परहेज करती है। भाजपा सत्ता के लिए झूठ फरेब की राजनीति करती है। कभी चित्रकूट तो कभी अयोध्या, काशी और मथुरा का मुद्दा पनपाना एजेण्डा है। कहा कि भाजपा सरकार को जनता की चिंता नहीं है। भाजपा की कोई भी योजना जनहित में नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अन्याय से नौजवानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। भाजपा-आरएसएस के सांप्रदायिक एजेण्डा से ही कट्टरपंथी संगठन उभर कर सामने आ गये हैं। भाजपा चिंतन-मंथन से दूर केवल भोजन-विश्राम के सहारे अपना स्वार्थ चिंतन करती है। विकास कैसे अवरूद्ध हो, इसके लिए वह तीन तिकड़म सिखाने के लिए ही प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना प्राथमिकता में है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा नेतृत्व दरअसल चित्रकूट में इस बात पर चिंतन-मनन करने नहीं बैठा है कि गरीबी के दलदल से गरीबों को कैसे निकाला जाए, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को कैसे ठीक किया जाए, नौजवानों को रोजगार के अवसर कैसे मुहैया कराये जाएं और महंगाई, अपराध तथा भ्रष्टाचार से कैसे निजात पाई जाए बल्कि सत्ता में बने रहने के लिए क्या-क्या षड्यंत्र किये जाए चित्रकूट मं इसका ही मंथन हैं।