भोपाल,05 फरवरी ; अब प्रदेश के निजी स्कूल अपने आसपास के एक गांव, वार्ड या फिर मेाहल्ले को गोद लेंगे। इन निजी स्कूलों के शिक्षक और विद्यार्थी गोद लिए गए मोहल्ले या गांव के असाक्षर लोगों को साक्षर बनाने की दिशा में काम करेंगे। इसके लिए इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। असाक्षर व्यक्ति को पठन-पाठन कराने वाले को अक्षर साथी नाम दिया जाएगा। दरअसल, सरकार के नव भारत साक्षरता कार्यक्रम से अब निजी स्कूलों को भी जोड़ा जा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रदेशभर के कलेक्टर को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी आदेश में कहा गया है कि इस कार्यक्रम में सभी सरकारी स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थियों का सहयोग मिल रहा है। अब निजी स्कूलों के शिक्षक और विद्यार्थियों का सहयोग भी लिया जाएगा। कार्यक्रम के लिए प्रौढ़ शिक्षा एप तैयार किया गया है। एप के बारे में प्रत्येक निजी स्कूल के एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा।