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बागेश्वरधाम धीरेन्द्र शास्त्री के संग विवाह की कामना लेकर पदयात्रा कर संकटमोचन से अशीर्वाद लेने पहुंची एमबीबीएस छात्रा शिवरंजनी

बांदा 09 जून ; बीते कुछ सालों में प्रसिद्धि का आसमान छूने वाले छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वरधाम सरकार के पीठाधीश्वर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन इस समय यू-ट्यूबर, प्रसिद्ध भजन गायिका और एमबीबीएस छात्रा शिवरंजनी तिवारी उनकी दुल्हन बनने के लिये गंगोत्रीधाम से मां गंगा का आशीर्वाद लेकर बागेश्वर धाम तक पदयात्रा पर निकल पड़ी है। इंडियन आइडियल शो तक पहुंच चुकी शिवरंजनी की पदयात्रा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है।
उत्तराखंड स्थित गंगोत्रीधाम से यात्रा शुरू करके शिवरंजनी दो दिन पहले चित्रकूट पहुंची और वहां संतों का समागम और आशीर्वाद लेकर अपने पिता और भाई के साथ अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही हैं। वह आगामी 16 जून को बागेश्वरधाम सरकार के दरबार में अपनी अर्जी लगायेंगी। बाबा बागेश्वर सबके मन की बात जानते हैं, उन्हें पूरा विश्वास है कि वे उनके भी मन की बात जरूर जानते होंगे। उनकी भी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी बैजनाथ तिवारी की पुत्री शिवरंजनी तिवारी को बचपन से ही सार्वजनिक जीवन में प्रसिद्धि पाने का शौक है। यू-ट्यूब में धार्मिक वीडियो अपलोड करने के कारण वह पहले से ही काफी चर्चित हैं। जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद से पारिवारिक ताल्लुकात होने के कारण उनके परिवार में शुरू ही आध्यात्मिक माहौल रहा। वर्तमाकन में वह एमबीबीएस की छात्रा हैं और बागेश्वरधाम सरकार के पीठाधीश्वर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित हैं और अग्नि को साक्षी मानकर उनके साथ सात फेरे लेकर उनकी दुल्हन बनने की इच्छा रखती हैं। इसीलिये एक मई को उन्होंने उत्तराखंड के गंगोत्रीधाम पहुंचकर मां गंगा का न सिर्फ आशीर्वाद लिया, बल्कि कलश में गंगाजल भरकर उसे सिर पर रखकर बागेश्वर धाम तक की पदयात्रा आरंभ कर दी। उनके साथ दो चार पहिया गाडिय़ां भी चल रही हैं, जिसमें जरूरत का सारा सामान रखा है। उनका कहना है कि वह आगामी 16 जून को बागेश्वरधाम सरकार में अपनी अर्जी लगायेंगी। बागेश्वरधाम सरकार के दरबार में हाजिरी लगाने जा रही शिवरंजनी तिवारी दो दिन पहले बांदा के लिये दो दिन पहले रवाना हुईं। उन्होंने बताया कि चित्रकूट में संतोषी अखाड़ा में संतों का समागम मिला। वहां भजन प्रस्तुत किये। वापस आने से पहले वहां के संतों ने भी आर्शीवाद दिया है कि वह अपने लक्ष्य में सफल होंगी। यहां आकर उन्होंने शहर के संकट मोचन हनुमान मंदिर में माथा टेका। बागेश्वर पीठाधीश्वर को अपना जीवनसाथी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा उनका उद्देश्य राष्ट्र को धर्म के पथ पर आगे बढ़ाने का है। वह भी सनातनी हैं और इस कार्य में वह उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने को उनकी अर्धांगिनी बनना चाहती हैं। बताया कि वह उनसे सीधे कभी नहीं मिलीं, लेकिन 2021 से वह उनके वीडियो देख रही हैं। 16 जून को वह बागेश्वरधाम में अपनी अर्जी लगायेंगी। उनकी सब पर कृपा होती है इसलिये उन्हें भी पूरा विश्वास है कि प्राणनाथ उनकी भी इच्छा जरूर पूरी करेंगे। 16 जून को वह लाइव आकर सबको बतायेंगी कि उनके मन में क्या है।

09 June, 2023

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साल 2017 में हरियाणा के रोहतक से एमबीबीएस पूरी कर ली,