बेंगलुरु 14 जुलाई : आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार को चंद्रमा पर भारत के तीसरा मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 642 टन वजन वाला एलवीएम3 रॉकेट ने दोपहर बाद 2.35 बजे चंद्रयान के साथ उड़ान भरी। चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचने में करीब 40 दिन लगेंगे। प्रक्षेपण के ठीक 16 मिनट बाद लगभग 2.50 बजे करीब 179 किमी की ऊंचाई पर चंद्रयान-3 रॉकेट से अलग हो जाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 लगभग 3.84 लाख किमी की अपनी लंबी चंद्रमा यात्रा शुरू करेगा। अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाए गए लैंडर के 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है। रॉकेट का पहला चरण ठोस ईंधन द्वारा संचालित है। दूसरा चरण तरल ईंधन द्वारा संचालित है जबकि तीसरे और अंतिम चरण में तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित क्रायोजेनिक इंजन है। चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की जमीन पर सुरक्षित उतारना है। उसके बाद रोवर प्रयोग करने के लिए बाहर निकलेगा। लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है। दूसरी ओर, इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर इसरो की समस्त टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर कहा कि "भारत दुनिया की चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नित नए कीर्तिमान गढ़ रहे हमारे इस नए मिशन पर दुनियाभर की नजर है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि देश के वैज्ञानिकों की मेहनत सार्थक होगी, लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और भारत के इस कीर्तिमान से चांद के विज्ञान को सारी दुनिया जानेगी।"