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भोपाल

मध्यप्रदेश की दस महत्वपूर्ण सामाजिक क्रांतिया देश के विकास मॉडल उदाहरण बनी - मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल :15 अगस्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सभी नागरिकों को पक्का मकान मिलेगा। कोई परिवार बिना छत के नहीं रहेगा। आवास प्लस में जो लोग शामिल नहीं हैं उन हितग्राहियों को भी योजना में शामिल किया जाएगा, मुख्यमंत्री जन आवास योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में बचे हुए परिवारों को भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें उपचार की सुविधा मिल सके। जो परिवार इनकम टैक्स नहीं देते या अन्य किसी माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं लेते उन सभी परिवारों को आयुष्मान योजना सम्मिलित किया जाएगा। मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना में 3 करोड़ 50 लाख से अधिक नाम जोड़े गए हैं। मध्यप्रदेश में लोकतंत्र की परिभाषा जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासन को सही अर्थों में जीवंत किया गया है। मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र, जनता और सरकार के बीच का काम करते हैं। इन्हें प्रत्येक 50 परिवारों पर दायित्व दिया जाएगा। प्रदेश में करीब 3 लाख युवाओं को इस दायित्व से जोड़ेंगे। प्रदेश का कोई भी कोना या कोई भी दिशा विकास से वंचित न रहे, इसके लिए केन्द्र के साथ राज्य की डबल इंजन सरकार सच्चे अर्थों में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री चौहान ने नागरिकों को 77 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन भारत को एक सूत्र में जोड़ने का दिन है। यह शहीदों के बलिदान के यशगान का दिन है। ये 140 करोड़ भारवासियों की मुस्कान का दिन है। भारत का इतिहास सिर्फ 76 साल पुराना इतिहास नहीं, बल्कि हजारों साल का पुराना ज्ञात इतिहास है। जब दुनिया में सभ्यता का सूर्योदय नहीं हुआ था, तब भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय संचालित थे। भारत की धरती ने सत्यमेव जयते का उद्घोष किया। जियो और जीने दो के सिद्धांत में भारत का विश्वास रहा है। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का भाव और समूचे विश्व का कल्याण भारत के दर्शन में रहा है। सभी के सुखी और निरोगी होने की कामना करते हुए भारत की आत्मा कभी मरी नहीं। बाहरी आक्रमणों के कारण देश गुलामी का शिकार हुआ। इसके बाद आजादी का संघर्ष शुरू हुआ तब नाना साहब पेशवा, मंगल पाण्डे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर वासुदेव फड़के, रासबिहारी बोस, लाल-बाल-पाल के रूप में जाने गए लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिनचंद्र पाल और फिर मदन मोहन मालवीय और महात्मा गांधी तक सभी ने वतन के लिए मरने-मिटने का कार्य किया। कई क्रांतिकारी जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर ने कड़ी सजाएँ भोगी और फांसी के फंदे पर चढ़ते हुए क्रांतिकारियों के पाँव नहीं काँपे। अशफाक उल्लाह खान, सुखदेव, उधम सिंह और अनेक क्रांतिवीरों ने भारत माता के उद्घोष के साथ जीवन का बलिदान दिया। ऐसे प्रयासों से भारत आजाद हुआ। इसके साथ ही देश के विभाजन की विभीषिका भुलाए नहीं भूलती। राष्ट्र के टुकड़े हो गए। कश्मीर की आजादी के लिए सेना लड़ रही थी। लेकिन युद्ध विराम हुआ और धारा-370 जैसे प्रावधानों से दो विधान, दो निशान और दो प्रधान की बात सामने आयी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गौरवशाली, वैभवशाली और सम्पन्न भारत के निर्माण के लिए गत 9 वर्ष में अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने भी कहा था कि भारत सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। भारत एक जीता-जागता राष्ट्र पुरुष है। यह वीरों और ऋषियों की भूमि है। हमें राष्ट्र के लिए ही जीना-मरना है। दाह संस्कार के बाद हमारी राख भी गंगा में प्रवाहित होगी तब भी आवाज आएगी भारत माता की जय।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आजादी के अमृतकाल में 21वीं सदी का एक समर्थ और समृद्ध भारत आकार ले रहा है। दुनिया भारत की ओर देख भी रही है और भारत से सीख भी रही है। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ जनता की जिन्दगी बदलना मध्यप्रदेश सरकार का मिशन है। देश के 140 करोड़ लोगों के साथ ही दुनिया के 100 देशों को कोविड से बचाव की वैक्सीन उपलब्ध करवाने में प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से हम सभी परिचित हैं। आज हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। भारत का मंत्र है, हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा‍कि हम ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण कर रहे हैं, जहाँ गरीबी भी समाप्त हो रही है और पिछड़ापन भी। लोगों की आय भी बढ़ रहीं और आत्मविश्वास भी। मध्यप्रदेश सरकार शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा के सुख को हर नागरिक तक पहुँचाने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। सेवा और सुशासन की प्रतिज्ञा के साथ मध्यप्रदेश के कायाकल्प का अभियान शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने विकास को त्यौहार का स्वरूप दे दिया है। पूरे प्रदेश में जुलाई और अगस्त माह में गाँव-गाँव और शहर-शहर में विकास पर्व की लहर चली। विकास पर्व में 45 हजार करोड़ रूपये से अधिक के कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण पिछले एक माह में सम्पन्न हुआ है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री जी के समावेशी विकास, अंत्योदय, अधो-संरचना एवं निवेश, ग्रीन ग्रोथ, युवा-शक्ति, अर्थ-शक्ति और क्षमताओं के अधिकतम विकास को मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के रूप में मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में 83 लाख से अधिक हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिलवाया गया। द्वितीय चरण में 68 लाख से अधिक आवेदनों और करीब पौने दो लाख सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का निराकरण किया गया। इस तरह विकास यात्रा, विकास पर्व और मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान की त्रिवेणी ने प्रदेश की तस्वीर को बदला है।
मुख्यमंत्री चौहान

ने कहा कि आने वाले समय में नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य प्रगति पथ, मालवा विकास पथ, मध्य विकास पथ और बुंदेलखंड विकास पथ जैसी महत्वाकांक्षी एक्सप्रेस-वे परियोजनाएँ मध्यप्रदेश की प्रोफाइल को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी। राज्य सरकार ने कायाकल्प अभियान में चालू माली साल से शहरों की सड़कों के नवनिर्माण और संधारण के लिए 3 हजार करोड़ रूपए मंजूर करने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश आज साढ़े 13 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बन चुका है। नए विकास कार्यों पर 56 हजार करोड़ से अधिक की राशि का व्यय और अनेक महत्वपूर्ण योजनाएँ प्रदेश का भाग्य बदलने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बीना रिफायनरी के विस्तार के अंतर्गत पेट्रो केमिकल्स काम्पलेक्स बनाया जाएगा। प्रदेश की बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाने के बाद ओंकारेश्वर में संसार के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट का‍निर्माण और साँची को सोलर सिटी बनाने से मध्यप्रदेश का भविष्य अधिक रोशन होगा। प्रदेश में 44 हजार 605 करोड़ लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना मंजूर हो चुकी है। प्रदेश में 486 सिंचाई परियोजनाओं से 33 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हवाई और रेल सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। सुनियोजित प्रयासों से मध्यप्रदेश देश के सबसे फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन्स में उभर रहा है।
स्वर्णिम मध्यप्रदेश के लिए हमारा संकल्प, वर्ष 2030 तक हासिल करेंगे नई उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आजादी के अमृत काल में भविष्य के नए मध्यप्रदेश के निर्माण का सपना पूरा करने के संकल्प के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में वर्ष 2030 तक नई उपलब्धियाँ हासिल करने का लक्ष्य है। मध्यप्रदेश को फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। प्रदेश में इंसान की जिंदगी बेहतर बनाने के साथ ही वन्य प्राणियों के संरक्षण का अभियान जारी रहेगा। आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री सामुदायिक युवा नेतृत्व विकास कार्यक्रम, चीफ मिनिस्टर्स यंग प्रोफेशनल्स फॉर डेवलपमेंट प्रोग्राम, पेसा समन्वयक और मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र से राज्य सरकार युवाओं को भागीदार बना रही है।
वर्ष 2030 तक लक्ष्य प्राप्ति के संकल्प के प्रमुख बिन्दु
मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था का आकार हम 45 लाख करोड़ रुपए की ऊँचाई तक पहुँचाएंगे।
मध्यप्रदेश के एक करोड़ से अधिक लोगों को ग़रीबी की रेखा से ऊपर लेकर आएंगे।

प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को हम दोगुना कर देंगे। इसे वर्तमान एक लाख 40 हजार के स्थान पर 2 लाख 80 हजार तक ले जाया जाएगा।
राज्य के कुल कृषि उत्पादन को बढ़ाकर 10 करोड़ मीट्रिक टन के स्तर तक ले जाएंगे।
हर किसान के खेत के अंतिम छोर तक भरपूर सिंचाई सुविधा मिलेगी। सिंचाई क्षमता को 65 लाख हेक्टेयर तक पहुँचा दिया जाएगा।
घर हो या फिर उद्योग या खेती, सब बिजली से रोशन रहेंगे। प्रदेश की ऊर्जा क्षमता वर्तमान के 29 हजार मेगावॉट से बढ़कर 38 हजार मेगावॉट से भी अधिक की जाएगी।
प्रदेश में एक लाख किलोमीटर लंबाई की नई सड़कों का जाल बिछा दिया जाएगा।
सभी जिला मुख्यालयों को 4 लेन सड़कों से जोड़ा जाएगा। सभी नगरीय निकायों को 2 लेन सड़कों से जोड़ दिया जाएगा।
प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
हर विकासखण्ड मुख्यालय पर कम से कम 30 बिस्तरीय सर्वसुविधायुक्त अस्पताल की सुविधा मिलेगी।
मातृ मृत्यु दर को घटाकर 100 प्रति लाख तक और शिशु मृत्यु दर को घटाकर 35 प्रति हजार तक लाया जाएगा।
मध्यप्रदेश की धरती से कुपोषण के कलंक को पूरी तरह मिटा दिया जाएगा।
राज्य सरकार 6 हजार से अधिक सर्वसुविधायुक्त सी.एम. राइज स्कूलों का संचालन प्रारंभ कर देगी।
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लगभग 25 हजार रिक्त पद भर दिए जाएंगे।
मध्य प्रदेश के 45 हजार आँगनवाड़ी केंद्रों को प्री- प्रायमरी स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम एक सरकारी कॉलेज होगा, जिससे विद्यार्थियों को अपने घर के नजदीक ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सकें।
महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों की संख्या वर्तमान 53 लाख से बढ़ाकर 65 लाख और महिला स्व-सहायता समूहों की संख्या को वर्तमान 04 लाख 20 हजार से बढ़ाकर 5 लाख 10 हजार किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में 200 करोड़ रुपए के निवेश से एक हजार से अधिक एफ.पी.ओ. गठित किए जाएंगे।
प्रदेश में महिलाओं की न्यूनतम आय 10 हजार रुपए प्रतिमाह तक पहुँचाने के लिए ठोस रणनीति बनाकर काम किया जाएगा।
मेक इन मध्यप्रदेश को प्रोत्साहित करते हुए हमारे निर्यात को रूपये एक लाख करोड़ तक ले जाएंगे।
भोपाल एवं इन्दौर के मध्य एक नया ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट एवं इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना अनुसार संपूर्ण भारत के हस्तकला, हस्तशिल्प एवं ओ.डी.ओ.पी. उत्पादों के प्रदर्शन एवं विक्रय के लिए उज्जैन में 284 करोड़ रुपए की लागत से देश का पहला यूनिटी मॉल बनाया जाएगा।
मध्यप्रदेश में आई.टी. के क्षेत्र में 5 लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित किए जाएंगे।
5-G सेवाएँ पूरे प्रदेश में उपलब्ध करा दी जाएंगी।
अमृतकाल में मध्यप्रदेश कृषि, युवा, महिला, कौशल और ग्रीन टेक्नोलॉजी के पंचामृत की शक्ति से आगे बढ़ेगा।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में अधिकारी, नागरिक, विद्यार्थी हुए उत्साह से शामिल
मुख्यतमंत्री चौहान ने लाल परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण, राष्ट्री य धुन एवं परेड द्वारा सलामी के बाद परेड का निरीक्षण किया। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेसना, अतिरिक्तर पुलिस महानिदेशक साजिद फरीद शापू, संभागायुक्तद पवन शर्मा, सचिव मुख्यमंत्री एवं जनसंपर्क विवेक पोरवाल, आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह सहित अन्यन वरिष्ठत अधिकारी उपस्थित थे।
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