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भोपाल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पत्रकारों से चर्चा

भोपाल : 20 अगस्त राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिवराज सरकार के 20 साल (2003-2023) का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के बाद पत्रकारों के सवालो के जवाब दिये
सवाल: आपने सिर्फ विकास पर बात की, ये मानें कि 2023 और 2024 के चुनाव में आप इसी मुद्दे पर आएंगे?
शाह का जवाब: हम चाहते हैं कि चुनाव विकास के मुद्दे पर हों। कांग्रेस की परंपरा जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण के आधार पर चुनाव को घसीटकर ले जाना। मोदी ने पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस की नई परंपरा शुरू की है। हमने हमारे सारे एजेंडे को भी समाप्त किया है। धारा 370 को भी समाप्त किया है। राम मंदिर का निर्माण भी तेसे हो रहा है। यहां महाकाल लोक भी बना है। हम जरूर चाहेंगे कि चुनाव डेवलपमेंट और गरीब कल्याण के मुद्दे पर हो।
सवाल: 15 महीने की कमलनाथ सरकार का जिक्र किया? क्या इनका काम भाजपा के लिए चुनौती है? 15 महीने के काम का पार्टी आरोप पत्र जारी करेगी?
शाह का जवाब: मैंने आज आरोप लगा ही दिए हैं। जवाब देना चाहिए उनको। इन्हें मध्य प्रदेश की जनता के सामने आना चाहिए। हिम्मत हैं तो जवाब दें।
सवाल: आपने मध्यप्रदेश के सीएम को मेहनती कहा। अगले चुनाव में बहुमत मिलता है तो शिवराज मुख्यमंत्री होंगे?
शाह का जवाब: शिवराज तो मुख्यमंत्री हैं ही। पार्टी का काम है, पार्टी ही तय करेगी।
सवाल: भाजपा में परिवारवाद पर क्या कहना है?
शाह का जवाब: परिवारवाद की जब हम बात करते हैं तो पार्टी की मिल्कियत की बात करते हैं। आप क्या कह सकते हैं कि भाजपा मध्यप्रदेश की मिल्कियत कोई परिवार की है। आप मुझे बताइए, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) ... मैं नेताओं के नाम नहीं लेना चाहता। परिवारवाद का मतलब है सरकार और शासन में एक ही परिवार के व्यक्ति आएंगे। कहीं इक्का-दुक्का किसी के परिवार को योग्यता के आधार पर टिकट दिया, ये परिवारवाद का मुद्दा डाइल्यूट करना है। परिवारवाद मतलब- पार्टी की मिल्कियत, सत्ता की मिल्कितय एक परिवार के हाथ में रहना।
सवाल: कर्नाटक और हिमाचल में आप अपने मुद्दे लेकर गए थे, वहां सरकार नहीं बनी, ऐसा क्या है कि एमपी की जनता इन मुद्दों को मानकर यहां भाजपा की सरकार बनाएगी?
शाह का जवाब: हम मणिपुर में, आसाम, उत्तर प्रदेश में दो बार जीते। पंचायत से पार्लियामेंट तक जीत का सबसे ज्यादा अच्छा रिकॉर्ड भाजपा का है। दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार हमने बनाई।
सवाल: आपने कई मुफ्त की घोषणाएं कीं, इन्हें कैसे लागू करेंगे, बजट का क्या प्रावधान है, ऐसा क्या करेंगे कि प्रदेश की जनता पर प्रभाव नहीं पड़े?
शाह का जवाब: हमने ये घोषणाएं चुनाव के समय नहीं कीं। हर घर में शौचायल 2015 में आई, 2020 में हर घर नल आई, हमारी योजनाएं और चुनाव का संबंध नहीं है। रही बात गरीब को रेवड़ी बांटने वाली बात की तो गरीब को भी समझ है कि मोदी ने एक लाख का घर दिया और कोई 200 रुपए का बिल माफ करेगा तो वह एक लाख का घर भूलकर 200 रुपए बिल माफी पर वोट नहीं करेगा। हमारा विश्वास गरीब को गरीबी से बाहर निकालना और उसकी आय बढ़ाना है।
सवाल: कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार पर आज कई गुना कर्ज है?
शाह का जवाब: बजट के अनुपात में हमारा कर्ज कम है। बजट बढ़ता है तो कर्जा लेने की क्षमता बढ़ती है, यह अर्थतंत्र का सिद्धांत है।
सवाल: आपने कहा कि शिवराज के शासनकाल में विकास की गंगा बह गई। इस आधार पर कितने वोट मिलेंगे आपको?
शाह का जवाब: इसका जवाब तो कोई ज्योतिष ही दे सकता है।
सवाल: 2018 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा, लेकिन सीट घटी, उस समय क्या कमी रही, जो 2023 में पूरी हो गई है?
शाह का जवाब: 2015 से कांग्रेस ने सोची-समझी रणनीति के तहत गुजरात, एमपी, राजस्थान और कई राज्यों में जाति के आंदोलन खड़े किए। जातिवाद का जहर जनता में घोलने का प्रयास किया। 2018 का चुनाव जातिवाद के घोले हुए जहर की परछाई में हुआ, फिर भी हमें कांग्रेस से 1 लाख वोट ज्यादा मिले। इस बार उनके 15 महीने का शासन भी देख लिया है। हम बहुत बढ़े बहुमत के साथ हम सरकार बनाने जा रहे हैं।

20 August, 2023

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