भोपाल 22 सितंबर ;मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए बड़ा निर्णय दिया है। सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने के सभी नर्सिंग कॉलेज की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया है। साथ ही खंडपीठ द्वारा यह भी कहा गया है कि यह जांच 3 महीने के अंदर पूरी कर रिपोर्ट सौंपी जाय। यह पूरा मामला फर्जीवाड़े के माध्यम से कॉलेज संचालक को लेकर है। पैसे की लालच में कागजों में कॉलेज संचालित कर पैसा वसूल कर डिग्रियां बांटी जा रही हैं।
स्वास्थ्य से जुड़े इस संवेदनशील मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का निर्णय लेकर एक बड़ा कदम उठाया है।क्या है मामला जानकारी के अनुसार ला स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसमें बताया गया कि फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज का संचालन हो रहा है।
याचिका में यह भी बताया गया कि 2020-21 में आदिवासी बाहुबली क्षेत्र में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई। लेकिन हकीकत यह है कि लगभग सभी नर्सिंग कॉलेज कागजो में संचालित हो रहे हैं। कुछ संचालित कॉलेज की हालत यह है कि उनके पास अपनी बिल्डिंग तक नहीं है। आज भी एक कमरे पर ऑफिस और कॉलेज का संचालन बताया जा रहा है।जानकारी दी गई की एक ही कॉलेज का प्राचार्य कई नर्सिंग कॉलेज को संचालित कर रहा है। ऐसा ही हाल फैकेल्टी की है जो एक से अधिक स्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस मामले को लेकर हुई पहली सुनवाई में रजिस्टार मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया गया था साथ ही कहा गया था कि तत्काल निलंबित कर प्रशासक नियुक्त किया जाए। ग्वालियर व इंदौर खंडपीठ में लंबित नर्सिंग कॉलेज संबंधी याचिकाओं को युगल प्रतिस्थानांनतरित करने के लिए कहा गया था।