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मन की बातः प्रधानमंत्री मोदी ने 108वीं कड़ी में, देशवासियों को नववर्ष-2024 की शुभकामनाएँ दीं, कहा- राष्ट्र प्रथम से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज देश का कोना-कोना विकसित भारत तथा आत्म-निर्भरता की भावना के कारण आत्मविश्वास से सराबोर है। आज मन की बात कार्यक्रम की 108वीं कड़ी में, उन्होंने देशवासियों से इस भावना को वर्ष 2024 में भी बनाए रखने की अपील की।
मोदी ने कहा कि दीपावली पर रिकॉर्ड कारोबार ने सिद्ध कर दिया है कि हर भारतीय वोकल फॉर लोकल के मंत्र को महत्व दे रहा है। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की ताकत के बूते ही भारत ने इस वर्ष कई विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें बहु-प्रतीक्षित नारी शक्ति वंदन विधेयक का पारित होना भी शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 108 के अंक के महत्व और उसकी पवित्रता एक गहन अध्ययन का विषय है। उन्होंने कहा कि माला में 108 मनके, 108 बार जप, 108 दिव्य-क्षेत्र, मंदिरों की 108 सीढ़ियां और 108 घंटियां प्रमाण हैं कि 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी लोग उन्हें चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर संदेश भेज रहे हैं और लोग भारतीय वैज्ञानिकों- ख़ासकर महिला वैज्ञानिकों के प्रति गर्व का अनुभव कर रहे हैं। मोदी ने फिल्म आर आर आर (RRR) के गीत नाटू-नाटू और लघु वृत्तचित्र द एलिफेंट व्हिस्परर्स को ऑस्क(र मिलने से दुनिया ने भारत की रचनात्मरकता देखी और पर्यावरण के साथ हमारे जुड़ाव को समझा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विभिन्नर खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। इन खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में 107 और एशियाई पैरागेम्स में 111 पदक जीते हैं। मोदी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने क्रिकेट विश्व कप में भी अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया और अण्डिर-19 टी-ट्वेंटी विश्वनकप में महिला क्रिकेट टीम की जीत बहुत प्रेरित करने वाली है। उन्हों ने कहा कि वर्ष 2024 के पेरिस ओलम्पिीक के लिए पूरा देश अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कभी हमने मिलकर प्रयास किया है, उसका देश के विकास यात्रा पर बहुत सकारात्म क प्रभाव पड़ा है। उन्हों ने कहा कि देश में आजादी का अमृत महोत्स व और मेरी माटी मेरा देश अभियान बहुत सफल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो देश नवाचार को महत्वे नहीं देता, उसका विकास रुक जाता है। उन्होंेने कहा कि भारत का नवाचार केन्द्रह बनना इस बात का प्रतीक है कि देश रुकने वाला नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 81वें स्थाेन पर था, लेकिन अब 40वें स्थाकन पर पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत विकसित होगा, इसका सबसे अधिक लाभ युवाओं को ही होगा। लेकिन, युवाओं को इसका लाभ तब और ज्या दा होगा, जब वे फिट होंगे। उन्हों ने कहा कि भारत के प्रयासों से वर्ष 2023 को अन्ततर्राष्ट्रीकय श्रीअन्नो वर्ष के रूप में मनाया गया। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टा0र्ट-अप को बहुत-से अवसर मिले हैं। इनमें लखनऊ से शुरू हुआ कीरोज फूड्स और प्रयागराज से शुरू हुआ ग्रैंडमा मिलेट्स तथा न्यूऊट्रास्यूीटिकल रिच ऑर्गेनिक इण्डिया शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने मानसिक स्वाडस्य् त के बारे में भी बात की। उन्हों ने इस बात पर प्रसन्नंता व्यसक्त की, कि मुम्ब ई से इन्फी-हील और योर-दोस्त् नाम से स्टा र्ट-अप चलाये जा रहे हैं। इनमें सदगुरु जग्गी वासुदेव, क्रिकेट खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर, शतरंज खिलाड़ी विश्व नाथन आनन्द, अभिनेता अक्षय कुमार और युवा स्टाडर्ट-अप संस्थापक ऋषभ मल्होवत्रा शामिल हैं। सदगुरु जग्गीा वासुदेव ने मानसिक स्वारस्य्इस के संबंध में विशेष रूप से अपने विचार रखे।

हरमनप्रीत कौर ने लोगों को नियमित व्यारयाम और 7 घण्टेस की अच्छीव नींद को शरीर और फिटनेस के लिए जरूरी बताया।
ग्रैंडमास्टनर विश्वबनाथन आनन्दा ने शान्त् रहने और अपने काम पर ध्याोन बनाये रखने को अपनी फिटनेस का राज बताया। अभिनेता अक्षय कुमार ने फिटनेस के लिए अच्छेप-बुरे के बीच का भेद समझने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय में हमें अपनी भाषाएं भी बचानी हैं और उनका संवर्धन भी करना है। उन्होंयने झारखण्डष के एक आदिवासी गांव की चर्चा की, जिसने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए अनूठी पहल की है।
मोदी ने कहा कि अपनी भाषा में पढ़ाई की वजह से इस गांव के बच्चोंे के सीखने की गति भी तेज हो गई है। उन्होंसने कहा कि देश में कई बच्चेख भाषा की मुश्किलों की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे। ऐसी परेशानियों को दूर करने में नई राष्ट्री य शिक्षा नीति से भी मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने देश की दो विभूतियों- सावित्रीबाई फुले और रानी वेलू नाचियार की चर्चा की, जिनकी जयंती तीन जनवरी को मनाई जायेगी। उन्हों ने कहा कि इन दोनों व्यक्तित्वोंश का जीवन प्रकाश-स्ताम्भ‍ की तरह है, जो हर युग में नारी-शक्ति को आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने भाई जगदीश त्रिवेदी की चर्चा की, जो गुजरात की डायरा परम्प रा के प्रसिद्ध कलाकार हैं। त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री को अपने पत्र के साथ अपनी पुस्तपक- 'सोशल ऑडिट ऑफ सोशल सर्विस' भी भेजी है। मोदी ने कहा कि यह पुस्तक एक तरह की बैलेन्सस-शीट है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की उपलब्धि हर भारतवासी की उपलधब्धि है और हमें पंच-प्राणों का ध्यान रखते हुए भारत के विकास के लिए निरंतर जुटे रहना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रं प्रथम से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है और इसी मंत्र पर चलते हुए हम भारतीय अपने देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाएँगे।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को नववर्ष 2024 की शुभकामनाएं दीं। उन्होंतने प्रार्थना की है कि हम सब सफलता के नई ऊंचाई पर पहुंचें, स्वास्य््हो रहे, फिट रहें और खूब आनन्दह से रहें।

31 December, 2023

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