भोपाल,11 मार्च ; सड़कों पर रहनेवाले बेसहारा श्वानों के लिए नगर निगम द्वारा अरवलिया, कजलीखेड़ा और आदमपुर छावनी में एबीसी सेंटर बनाया गया है। इसमें कजलीखेड़ा और आदमपुर छावनी में नसबंदी का जिम्मा नवोदय एनजीओ को सौंपा गया है, लेकिन आदमपुर छावनी में श्वानों को न तो खाना-पानी मिल रहा और न ही इलाज की सुविधाएं हैं। यहां तक की श्वानों की नसबंदी भीवेटनरी के डिप्लोमा होल्डर पैरामेट स्टाफ से कराई जा रही है। इनके गलत इलाज के कारण बीते 15 दिनों में चार श्वानों की मृत्यु हो चुकी ।
कल श्वान प्रेमी कविता भागनानी और ज्योति सोनी ने आरोप लगाया है कि सेंटर में श्वानों की सज्ररी के लिए वेटनरी डॉ. अभिजीत को पदस्थ किया गया है, लेकिन वह अधिकतर अवकाश पर रहते हैं। ऐसे में यहां श्वानों की नसबंदी पैरा वेट स्टाफ उमेश भास्कर करते हैं, जबकि यह काम चिकित्सक ही कर सकता है और पैरा वेट सहयोग करता है। श्वानप्रेमियों का आरोप है कि यहां आने वाले श्वान प्रेमियों का आरोप है कि यहां आने वाले श्वानों की नसबंदी अकुशल लोगों से कराई जाती है, जिनको ये नहीं पता श्वान को बेहोश करने कितना एनिस्थिया दिया जाना है। अधिक एनिस्थिया देने से श्वान बेहोशी से बाहर नहीं आते और कई बार इसके दुष्प्रभाव से सज्ररी के बाद उनकी मृत्यु हो रही है।