जगदलपुर, ; बोधघाट व दरभा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में यहां से मजदूरी के लिए जे जाए जा रहे 107 श्रमिकों को दस श्रमिक दलालों के कब्जे से मुक्त कराया गया है। बरामद श्रमिकों में 37 नाबालिग किशोर-किशोरी भी शामिल हैं। दलालों अधिनियम के विरुद्ध मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार मुखबिर सूचना पर पुलिस ने नया बस स्टैंड एवं केशलूर तिराहे पर नाकेबंदी की। इस दौरान हैदराबाद बस की प्रतीक्षा करते 107 श्रमिक मिले। उनकी शिनाख्ती पर 05 श्रमिक दलालों को पकड़ा गया। बरामद श्रमिक जिले के दरभा, केलाउर, कूकानार,मर्दापाल व ओडिशा क्षेत्र से हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिक दलाल उन्हें अधिक पगार दिलाने का लोभ देकर आंध्रप्रदेश ले जा रहे थे। इसके पहले भी वह गांव के कुछ युवकों को आंध्र ले जा चुके हैं। पुलिस ने मामले की सूचना श्रम विभाग व महिला बाल विकास विभाग को भी दी। बरामद श्रमिकों में 37 नाबालिगों को बाल संरक्षण समिति के सुपुर्द किया गया। वहीं अन्य लोगों को समझाइश देकर उनके गृह ग्राम भिजवाया गया है। पुलिस पांचों आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 370 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। बस्तर संभाग से आंध्रप्रदेश व कर्नाटक बड़ी संख्या में श्रमिकों की मानव तस्करी की जाती है। स्थानीय श्रमिक दलाल आदिवासियों को अधिक पगार दिलाने का लालच देकर उन्हें बाहरी राज्यों के दलालों के सुपूर्द कर देते हैं। इसके बाद उन्हें फैक्ट्रियों, पोल्ट्री फार्म तथा ईंट भट्टों में काम करने भेज दिया जाता है। बस्तर के श्रमिकों को बंधुआ बनाने तथा पगार नहीं देने व प्रताड़ना के दर्जनों मामले अब तक प्रकाश में आ चुके हैं।
बताया जाता है कि यहां से हैदराबाद जाने वाली बसों के कंडक्टर भी इस खेल में शामिल हैं। इन्हें भी कमीशन दिया जाता है। श्रम विभाग के द्वारा इन दलालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई नहीं की जाती है। एक निजी गैर सरकारी संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक संभाग के पांच हजार से अधिक श्रमिक बाहरी राज्यों में काम करने ले जाए गए हैं।