रायपुर ; सत्ता मै लगातार बने रहने से जनता मै गुस्सा हो जाता है क्योकि जनता यह समझने लगती है कि सरकार उसकी और उनकी समस्या का निदान नही कर रही है ।इसलिये छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डाँ रमन सिह ने अपने तीसरे चरण के जनता से सीधे जुडने के लिये लोक सुराज अभियान की शुरुआत की है । जिसके अंर्तगत मुख्यमंत्री प्रदेश के हर गांव मै जाकर जनता से सीधी सम्पर्क स्थापित करेगी और उनकी समस्या को सुनेगी ,देखेगी और उसका समाधान करेगे ताकि जनता के आक्रोश को दबाया न जा सके ।
डॉ. सिंह ने कहा कि 2018 को देखते हुए अभियान में बदलाव किया गया है। अब हर जिले के किसी न किसी गांव में अचानक पहुंचेंगे। इसके पीछे मुख्यमंत्री का मकसद प्रदेश के मिजाज को समझना और किस क्षेत्र में कौन से मुद्दे छूट रहे हैं, क्या चूक हो रही है, यह जानना है, ताकि इसके आधार पर आगे की रणनीति बनाई जा सके।
बस्तर के तितिरगांव से सोमवार को मुख्यमंत्री लोक सुराज अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत करेंगे। सुबह नौ से दस बजे के बीच सुकमा और बस्तर को छोड़कर संभाग के किसी भी जिले के एक गांव में विकास की जमीनी हकीकत जानने पहुंचेंगे। ग्रामीणों के साथ चौपाल लगाएंगे। सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक तितिरगांव के शिविर में शामिल होंगे और सुकमा में रात्रि विश्राम करेंगे।
अभियान के एक दिन पहले रविवार को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता ली, जिसमें उन्होंने बताया कि अभियान का तीसरा चरण तीन अप्रैल से 20 मई तक चलेगा। इसमें वे 27 समाधान शिविर में जाएंगे, 20 स्थानों पर समीक्षा बैठक लेंगे और 20 स्थानों पर रात्रि विश्राम भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की तीन बार सरकार बनवाने में ग्राम सुराज और लोक सुराज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इससे सीधे जनता से संवाद होता है और उनके मन में सरकार के लिए जो छवि बनती है, उसका फायदा मिलता है। सीएम ने कहा कि इस बार अभियान में हर वर्ग के लोगों से अधिकाधिक मिल पाएं, इसके लिए जिला मुख्यालयों में ही रात रुकने का फैसला लिया है। भले ही पांच मिनट की मुलाकात हो, लेकिन इससे यह समझ में आ जाएगा कि समस्या क्या है, समाधान कैसे होगा और चूक क्या हो रही है? सीएम ने साफ तौर पर कहा कि इसी विश्लेषण के आधार पर आगामी बजट की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
पहले चरण में लोक सुराज अभियान 2017 का पहला चरण 26 से 28 फरवरी तक चला, जिसमें समस्याओं के आवेदन लिए गए। प्रदेश में 2271 शिविर लगाए, जिसमें 28 लाख 33 हजार आवेदन मिले। हर शिविर में औसतन 1247 आवेदन प्राप्त हुए। दूसरा चरण एक मार्च से 31 मार्च तक चला, जिसमें समस्याओं का समाधान किया। अब तीसरे चरण में क्लस्टर लेवल पर समाधान शिविर लगाकर लोगों को समस्याओं के समाधान की सूचना देंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुराज अभियान में बड़ी संख्या में शराबबंदी का आवेदन आया है। पूर्ण शराबबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा- पहले हम कोचिया नामक प्राणी को भूतल से खत्म करना चाहते हैं। इसी दिशा में कवायद चल रही।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की है तो क्या छत्तीसगढ़ सरकार शराबबंदी करने जा रही है? इस पर डॉ. सिंह ने कहा कि एक-दो दिन में 11 सदस्यीय कमेटी बिहार जाने वाली है। वहां सामाजिक-आर्थिक आधार पर क्या स्थिति बनी है, इसका गहन विश्लेषण होगा। फिर, कमेटी रपट पेश करेगी, उसके आधार पर आगे की दिशा तय होगी।