जयपुर। क्याव आपने कभी सोचा है कि होम्योपैथी की दवा से आंखों की रोशनी लौट सकती है? एक होम्योपैथी डॉक्टर ने अचानक लगभग आंखों की रोशनी खो चुकी बच्ची की रोशनी लौटाने का दावा किया है। उसने दावा किया है कि केवल तीन दिन में ही होम्योीपैथी दवा के सहारे यह संभव हो पाया।
यह मामला दूदू के पास बिचून गांव का है। यहां रहने वाले शंकर लाल की 12 साल की बेटी वेनिस को अचानक दिखना बंद हो गया था। उन्हों ने जयपुर के नामी निजी अस्पीताल में विशेषज्ञों से परामर्श लिया लेकिन वे आंखों के रोशनी जाने का कारण नहीं ढूंढ पाए। इसके बाद उन्हों ने होम्योपैथी चिकित्साल का सहारा लिया। होम्योपैथी डॉक्टपर लेखराम गुर्जर ने लक्षणों के आधार पर दवा नेट्रमम्यूलर का चयन कर मरीज को सात दिन का ट्रीटमेंट दिया। बच्चीप की आंखों की रोशनी तीन दिन में ही लौटना शुरू हो गई। इस ट्रीटमेंट के बाद वेनिस को दिखना फिर शुरू हो गया। पिता शंकर लाल का कहना है कि नेत्ररोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद वे काफी परेशान हो गए थे लेकिन होम्योपैथी उपचार ने उनकी बेटी की आंखों की रोशनी फिर लौटा दी।डॉ. लेखराम ने बताया कि वेनिस का लगभग पूरी तरह से विजन लॉस हो गया था। उनका दावा है कि सही दवा के चयन से यह संभव हो पाया है।निया भर में अनेक चिकित्सा पद्धतियां है लेकिन ऐसा माना जाता है कि पूर्ण कोई नही है। एलोपैथी चिकित्सा पद्वति में दवाओं के साइड इफेक्ट का कोई तोड़ चिकित्सा विज्ञानी नही ढूंढ पाए है। इन सभी बातों को ध्यातन में में रखकर WHO ने हर्बल आधारित चिकित्सा पद्वतियों के महत्व को स्वीकाते हुए सबके लिए स्वास्थ्य में होम्योपैथी और आयुर्वेद जैसी चिकित्सा पद्वतियों के सहयोग लेना तय किया है।