दिल्ली में रहने वाले हिमांशु वर्मा 'रेड अर्थ' नाम की संस्था के स्थापक हैं. ये संस्था भारतीय सौंदर्य से जुड़ी चीज़ों पर काम करते हैं और फिर उसकी प्रदर्शनी भी लगाते हैं. खुद को 'साड़ीमैन' कहने वाल हिमांशु वर्मा पिछले 12 सालों से साड़ी पहन रहे हैं. हिमांशु के पिता एक बिज़नेसमैन हैं और मां रिटायर्ड बैंककर्मी हैं. हिमांशु ने पहली साड़ी अपनी मां की ही पहनी थी और उनके माता पिता को इससे कोई परेशानी नहीं है. पिछले तीन सालों से ये भारत की राजधानी दिल्ली में 'साड़ी फ़ेस्टिवल' करवा रहे हैं. वो कहते हैं, "पिछले 12 सालों में शायद ही कोई ऐसा वाक्या हुआ होगा जब लोग मुझपर हंसे होंगे. अगर वो हंसते भी हैं तो मुझे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता मैं बस साड़ी पहनकर खुश रहता हूं."
. जींस और टी शर्ट बस साल में एक-दो बार ही पहनते हैं. साड़ियों के आलावा वो धोती और कुर्ता पायजामा पहनते हैं. हिमांशु को साड़ी पहनना पसंद है और वो किसी को साड़ी पहनने के लिए नहीं कहते. साड़ी पहनना उनकी निजी इच्छा है. हिमांशु का नारा है 'जय साड़ी - साड़ी का उत्सव चलता रहे.'
हिमांशु अब 'साड़ी फ़ैस्टिवल' मुंबई, बैंगलौर और चैन्नई में भी करवाएंगे. 35 साल के हिमांशु ने अभी तक शादी नहीं की है .