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भोपाल

बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान ही प्राथमिकता : मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य-सुविधा, स्वावलंबन, समृद्धि और उनका सम्मान ही हमारी प्राथमिकता है। यह केवल मामा की नहीं, पूरे समाज की जिम्मेदारी है। नारी तुम केवल श्रद्धा हो, यह भाव अगर मजबूत होगा तो निश्चित तौर पर देश आगे बढ़ेगा। प्रदेश में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण,उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देने और बैंक ऋण पर सरकार की तरफ से गारंटी देने का कार्य किया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए शिक्षण शुल्क की व्यवस्था भी की जाएगी। कॉलेज में दाखिला लेने वाली लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को 25 हजार रूपये की राशि दी जाएगी। संगीत और चित्रकला जैसे क्षेत्रों में विकास के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में माता-पिता के बिना,अनाश्रित स्थिति में मिली बेटियों को भी लाड़ली लक्ष्मी मानकर योजना के लाभ दिए जाएंगे। लाड़ली लक्ष्मी दिवस उत्सव के रूप में न सिर्फ राज्य स्तर पर बल्कि जिला,ब्लाक और ग्राम पंचायत स्तर पर मनाया जाएगा। कोशिश यह है कि मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना पूरी दुनिया में आदर्श उदाहरण बन जाए।

मुख्यमंत्री चौहान आज मिंटो हाल सभा कक्ष में लाड़ली लक्ष्मी उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उत्सव में विशेष रूप से चैतन्य आश्रम, सोनीपत हरियाणा की योग गुरू आनंदमूर्ति गुरू माँ पधारी और बेटियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 'लाड़ली लक्ष्मी उत्सव' में प्रदेश की 21 हजार 550 लाड़लियों के खातों में 5.99 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति का अंतरण किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि लाड़ली लक्ष्मी योजना ऐसी मिसाल बने कि पूरी दुनिया इस रास्ते पर चलकर बेटियों के सशक्तिकरण के लिए कार्य करे। बेटियाँ लगातार आगे बढ़ती रहें, इसी में देश की प्रगति और विकास है, इसी में समाज का सशक्तिकरण है। उन्होने कहा कि हम यह तय कर रहे हैं कि ऐसी बेटियाँ भी, जिन्हें कहीं कोई छोड़ गया या जिनका कोई नहीं है, उन्हें भी लाड़ली लक्ष्मी माना जाएगा और योजना का लाभ दिया जाएगा। हमने लाड़ली लक्ष्मी क़ानून बना दिया है, जिसे कोई नहीं बदल पाएगा और बेटियों का भविष्य उज्जवल रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के जन्म की संख्या के आधार पर लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायत/ग्राम घोषित करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि माता-पिता से आग्रह है कि बेटियों पर दबाव न डालें कि यह बनो या वह बनो। वे जो बनना चाहें, उन्हें बनने देना। ये बेटियाँ बहुत ऊपर जाएंगी और प्रदेश का और आपका भी नाम रोशन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में श्री अजहर हाशमी की लिखी एक लोकप्रिय कविता सुनाई, जिसमें कहा गया है “बेटियाँ शुभकामनाएँ हैं, बेटियाँ पावन दुआएँ हैं। बेटियाँ जीनत हदीसों की, बेटियाँ जातक कथाएँ हैं। बेटियाँ गुरूग्रंथ की वाणी, बेटियाँ वैदिक ऋचाएँ हैं। जिनमें खुद भगवान बसता है, बेटियाँ वे वन्दनाएँ हैं। त्याग, तप, गुणधर्म, साहस की, बेटियाँ गौरव कथाएँ हैं। मुस्करा के पीर पीती हैं, बेटी हर्षित व्यथाएँ हैं। लू-लपट को दूर करती हैं, बेटियाँ जल की घटाएँ हैं। दुर्दिनों के दौर में देखा, बेटियाँ संवेदनाएँ हैं।"

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप कुछ लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को छात्रवृत्ति स्वीकृति पत्र, मामा का संदेश और प्रमाण-पत्र प्रदान किये।

बेचारी सिंड्रोम से बाहर आना होगा लड़कियों को

लाडली लक्ष्मी उत्सव में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित माँ आनंदमूर्ति गुरु माँ ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने लाड़लियों को महत्वपूर्ण सपोर्ट सिस्टम दिया है। उन्होंने कहा कि जिस कन्या अथवा महिला का मनोबल अच्छा है, आत्म-बल अच्छा है उन्हें किसी पर आश्रित नहीं होना पड़ता है। वह अपनी स्वशक्ति से सिर उठा कर अपना जीवन जी सकती है। गुरु माँ ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं को बेचारी सिंड्रोम से बाहर आना होगा। उन्होंने कहा कि आप स्वाभिमानी है कभी अपने को कमजोर न समझें, यह ताकत आपकी अंतरात्मा से आनी चाहिए। लड़कियों और स्त्रियों के लिए आवश्यक है आत्म-बल, वह शक्ति स्वरूपा है। माँ आनंदमूर्ति गुरु माँ ने कहा कि नवमी के पवित्र दिन में लाड़ली लक्ष्मी उत्सव का आयोजन महत्वपूर्ण है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से स्कूली पाठ्यक्रम में मार्शल आर्ट ट्रेनिंग को शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस ट्रेनिंग से न सिर्फ आत्म-रक्षा के गुर सीखने का मौका मिलेगा बल्कि एकाग्रता विकसित होगी। उन्होंने कहा कि अन्य विषयों में जैसे पास होना अनिवार्य होता है, ऐसे ही इस मार्शल आर्ट ट्रेनिंग पाठ्यक्रम में भी पास होना अनिवार्य किया जाना चाहिए।

माँ आनंदमूर्ति गुरु माँ ने कहा कि स्कूल की शिक्षा नौकरी के लिए तैयार कर देती है, परंतु कई मौकों पर बच्चे अपनी पढ़ाई निरंतर नहीं रख पाते। ऐसे में अगर स्कूली पाठ्यक्रम में कौशल विकास और स्व-रोजगार से जुड़ने के विषय वस्तु को पाठ्यक्रम से जोड़ा जाए तो बहुत लाभ मिलेगा।

गुरु माँ ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी अद्भुत योजना है। मुख्यमंत्री ने बेटियों का मामा बनकर इस योजना को सफल बनाया है। अन्य राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने उपस्थित लाड़ली लक्ष्मियों से प्रण लेने का आग्रह किया कि जैसे अभी मुख्यमंत्री मामा बनकर लाखों लड़कियों का भविष्य संवार रहे हैं, आप भी जब अपने पैरों पर खड़ी हों तो ऐसी पाँच लड़कियों की मदद करें। आज लिया है तो कल देने की क्षमता भी रखें। माँ आनंदमूर्ति गुरु माँ और मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ मिंटो हॉल सभा कक्ष में मौजूद बालिकाओं ने समूह छायाचित्र भी खिंचवाए।

 

14 October, 2021

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