भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार कांग्रेस की तरह न तो जनजातीय समाज को वोट बैंक समझती है और न ही समाज के लोगों को भ्रमित कर उनका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। शिवराज सरकार ने अपने निर्णयों से यह साबित कर दिया है कि वह वास्तव में जनजातीय समाज का विकास करके उनका जीवन स्तर उठाना चाहती है। इसी का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री चौहान ने राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर जबलपुर में जो घोषणाएं की थीं, उन पर अमल भी शुरू कर दिया है। जनजाति बहुल विकासखंडों में घर-घर राशन पहुंचाना भी इन घोषणाओं में शामिल था और पूरे प्रदेश के लिए यह हर्ष का विषय है कि आज राज्यमंत्रिमंडल ने इसे मंजूरी दे दी है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने इस निर्णय के लिए जनजातीय समाज को बधाई देते हुए कही।
घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को कैबिनेट की मंजूरी पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं राज्य मंत्रिमंडल के प्रति आभार जताते हुए विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि इस योजना का लाभ प्रदेश के 80 जनजातीय विकासखंडों (उपचुनाव वाले विकासखंडों को छोड़कर) के 7511 गांवों के लोगों को मिलेगा। इससे इन गांवों के लोगों को राशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा साथ ही राशन वाहन का संचालन करके जनजातीय समाज के युवा रोजगार से भी जुड़ेंगे। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान की सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए ऐसे कदम उठाए हैं, जिनके बारे में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकारों ने कभी सोचा भी नहीं था। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। सरकार जनजातीय बहुल क्षेत्रों में 15 नवंबर से सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी के निदान के लिए मिशन शुरू करेगी। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनजातीय समाज का राजनीतिक इस्तेमाल करने वाली कांग्रेस जिस पेसा एक्ट और पांचवी अनुसूची को लागू करने का साहस नहीं दिखा पाई, इन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय भी शिवराज सरकार ने लिया है। विष्णुदत्त शर्मा ने आशा जताई के प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही इन योजनाओं और निर्णयों के परिणामस्वरूप प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा।