पिछले हफ्ते लोकसभा ने ऋण वसूली व विविध कानूनों में संशोधन संबंधी बिल को पिछले हफ्ते पारित किया है। अब यह बिल राज्यसभा में मंजूरी के लिए जाएगा। मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा है कि इसके चलते बैंक लोन डिफॉल्टरों की जमानत को जब्त कर सकेंगे।अलबत्ता उन्हें कृषि भूमि के मामले में यह अधिकार नहीं दिया गया है। इस विधेयक के जरिये चार कानूनों- सरफेसी अधिनियम, ऋण वसूली ट्रिब्यूनल एक्ट, स्टांप एक्ट व डिपॉजिटरी अधिनियम में बदलाव किया जाना है।रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल ऋण वसूली ट्रिब्यूनल (डीआरटी) में 70,000 मामले लंबित हैं। ये मामले लंबी सुनवाई और बार-बार के स्थगन के चलते डीआरटी में अटके हुए हैं। डीआरटी कानून के पारित होने से इन ट्रिब्यूनलों की कार्रवाई में तेजी आएगी।इसी साल लागू हुए बैंक्रप्सी कानून के साथ उक्त बदलावों से फंसे कर्जों (एनपीए) की वसूली बढ़ेगी। नतीजतन एनपीए की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर यह बैंकों के लिए क्रेडिट पॉजिटिव रहेगा।