इंदौर : हमेशा खबरों रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार से पार्टी लाइन से हटकर अनुच्छेद 370 की तरह अब नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के विपरीत है कि नहीं यह अलग बात है, लेकिन इसमें भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा और सभ्यता है।
इंदौर में अपने अल्प प्रवास आये ज्योतिरादित्य सिंधिया कहा कि विभाजन देशों के आधार पर तो पहले भी हुआ था, लेकिन धर्म के आधार पर यह पहली बार है। मैं तो मानता हूं कि यह संविधान के विपरीत है, लेकिन भारतीय संस्कृति के आधार पर है। अब राज्य और धर्म के आधार हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि जो भारत की विचारधारा और सभ्यता है कि सभी को साथ में लेकर चलना। इस अध्यादेश में भी धर्म और राज्य के आधार की बात है। बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान में लिखा है कि किसी को जात-पात, धर्म की दृष्टिकोण से नहीं देखा जाएगा। केवल भारत के नागरिक के रूप में देखा जाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर मोदी सरकार का समर्थन कर चुके हैं। परन्तु कांग्रेस पार्टी शुरू से ही सरकार के अनुच्छेद 370 और नागरिकता संशोधन विधेयक उठाये गए इस कदम का विरोध कर रही है।
एमपी में किसानो के ऋणमाफी के रवये को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई , उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि- चुनाव से पहले कांग्रेस ने दो लाख कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन किसानों के 50 हजार तक के ही कर्जमाफ हुए।
फ़ाइल फोटो