टीकमगढ़/. जिले अस्पताल के गहन शिशु चिकित्सा इकाई में शार्ट शर्किट से एसी मै आग लग गई। इससे यहां दो घंटे तक 25 बच्चों की जान पर बन आई। वार्ड ब्वाय और डाक्टरों की मदद से बच्चों को बचाया गया। इससे पहले भी मुरैना में ऐसा ही हादसा हो चुका है। क्या है मामला...जिले के गहन शिशु चिकित्सा इकाई में 15 घंटे में दो बार आग लगी। इससे दो घंटे तक अफरा-तफरी मची रही।आउट बोर्न यूनिट में भर्ती 25 बच्चों को तुरंत मशीनों से निकाला गया। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को दूसरी यूनिट में शिफ्ट किया गया।हादसे की सूचना देने के बावजूद अफसरों को अस्पताल पहुंचने में छह घंटे लग गए। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और वार्डबॉय ने बच्चों की जान बचाई।पलंग से उठकर लगाई दौड़ एसएनसीयू में आग की सूचना से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मची रही। डिलीवरी वार्ड में भर्ती कुछ महिलाओं ने दौड़ लगा दी। वे एसएनसीयू के अंदर जा पाती, इसके पहले वहां तैनात कर्मचारियों ने उन्हें रोक दिया। वार्ड के बाहर बड़ी संख्या में महिलाएं खड़ी रहीं। सबसे ज्यादा बुरा हाल उन महिलाओं का रहा, जिनके बच्चे एसएनसीयू में भर्ती हैं।बल्देवगढ़ क्षेत्र से आई रमावती का कहना था कि शुक्र है भगवान का, जो मासूमों का बचा लिया। वरना मालूम है की सरकारी अस्पतालों तो बहुत ही बुरा हाल है।
दीवारों में सीलन आ रही है गहन शिशु चिकित्सा इकाई अस्पताल बिल्डिंग भी पुराणी है । काफी सालों से छत की रिपेयरिंग नहीं हुई है। जिससे वार्ड की दीवारों में सीलन आने लगी है। छत पर रखी पानी की टंकियों का पानी रिसनकर दीवारों में भरने लगा है। वार्ड में अंडर ग्राउंड बिजली की फिटिंग की से और इलैक्ट्रिक बॉक्स भी दीवार के अंदर लगा है। शुरुआती परीक्षण में ऐसा लग रहा है कि सीलन के कारण बॉक्स में शॉर्ट सर्किट हुआ है।
निरीक्षण करने पहुंची टीम 14 जून को केंद्रीय स्वास्थ्य टीम जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आएगी। उसके पहले राज्य स्तरीय टीम अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रही है।शनिवार को जैसे ही एसएनसीयू में आग लगने के बारे में पता चला तो टीम के सदस्य यूनिट का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने बिजली कर्मचारी को बुलाकर यूनिट की केबिल और बॉक्स बदलने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ को फोन लगाकर छत की रिपेयरिंग कराने की बात कही।
सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी ने बयान देते हुए कहा कि बिजली कर्मचारी को बॉक्स बदलने और पूरी यूनिट मेंं लगी केबिल की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार करा दिया जाएगा। हादसे में सभी बच्चे सुरक्षित हैं।