नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद ( India China Border Dispute) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक में दिए बयान पर उठे सवालों के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्टीकरण जारी किया है. गलवान वैली पर दावा ठोकने वाले चीन को विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि गलवान वैली पर भारत की स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के मनगंढ़त और झूठे दावे नहीं स्वीकारें जाएंगे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत की ओर से कभी भी एलएसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वास्तव में, वे बिना किसी घटना के लंबे समय से इलाके में गश्त कर रहे हैं. देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए बॉर्डर एरिया पर किया गया इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के पक्ष में हैं.
मंत्रालय ने आगे कहा, मई 2020 की शुरुआत से ही बॉर्डर पर भारत की नॉर्मल पेट्रोलिंग पर चीनी बाधा डाल रहे हैं. जिसका परिणाम यह रहा कि सीमा पर दोनों देशों के बीच फेस-ऑफ हुआ. हम इस बात को स्वीकार नहीं करते हैं कि भारत एकतरफा स्थिति में बदलाव कर रहा था. हमने सीमा पर सभी नियमों का पालन किया.
आपको बता दें कि चीन ने शुक्रवार देर रात एक बयान में गलवान घाटी को अपना बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएससी) से हमारी तरफ है. भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड और ब्रिज बना रहे हैं.
सौजन्य : ज़ी न्युज