प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को स्कूली और उच्च शिक्षा के लिए पूरी सहायता दी जाएगी। आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बच्चों के लिए पीएम केयर्स योजना के तहत दिये जाने वाले लाभों की जानकारी देते हुए मोदी ने कहा कि इस योजना से 18 से 23 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को एक निश्चित छात्रवृत्ति दी जायेगी। बच्चों के 23 वर्ष आयु होने पर उन्हें दस लाख रुपये दिये जायेंगे मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण भी दिया जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से सरकार बच्चों को प्रति माह चार हजार रुपये की सहायता राशि दे रही है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया जा रहा है जिसमें पांच लाख रुपये तक का खर्च सरकार वहन करेगी।
प्रधान मंत्री ने कहा कि देश भर के नागरिकों के योगदान से ही पीएम केयर्स योजना को सफल बनाया गया है। मोदी ने कहा कि इस कोष से कोरोना काल में अस्पताल तैयार करने, वेंटिलेटर खरीदने, ऑक्सीजन संयत्र लगाने में भी मदद मिली है। उन्होंने सभी बच्चों से फिट इंडिया और खेलो इंडिया पहल में भाग लेने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों को योग और फिटनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के आज आठ वर्ष पूरे हो गए हैं और देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के माध्यम से देश, विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षो में सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन, जन धन और उज्ज्वला योजनाएं शुरू की गई हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाकर गरीबों के अधिकार सुनिश्चित किए हैं। उन्होंने कहा कि अब गरीब से गरीब व्यक्ति को भरोसा है कि उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भरोसे को बढ़ाने के लिए सरकार अब शत-प्रतिशत सशक्तिकरण अभियान चला रही है।
इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राष्ट्र उन बच्चों के साथ खड़ा है जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता दोनों को ही खो दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्कूली शिक्षा के लिए ऐसे बच्चों के लिए छात्रवृत्ति हस्तांतरित करना एक संदेश देता है जिससे पता चलता है कि देश और प्रधानमंत्री उनकी परवाह करते हैं। सुश्री ईरानी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया।