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राजनीति

मुख्यमंत्री जी आपने सही कहा भ्रष्टाचार कोढ़ होता है, मगर इसे संरक्षण कौन दे रहा है ?

भोपाल,२७ नवम्बर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल देवास जिले की अपनी मॉर्निंग समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार कोढ़ है| लेकिन सवाल यह उठता है कि इस कोढ़ को बढ़ावा कौन दे रहा है | यदि मुख्यमंत्री के ही मंत्रिमण्डल के इस कोढ़ में लिप्त होने की बात करें तो एक के बाद एक इन मंत्रियों के द्वारा भजकलदारम की नीति का पालन करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा तो दिया ही जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर शासन की छवि भी खराब की जा रही है लेकिन उसके बाद भी वह शिवराज के मंत्रिमण्डल में शामिल हैं?
क्या मुख्यमंत्री को इस भ्रष्टाचार के कोढ़ को बढ़ावा देने की नीति समझ में नहीं आ रही है? या फिर यह कहें कि वह इसे बढ़ावा दे रहे हैं तो वहीं इसी भ्रष्टाचार को कोढ़ को बढ़ावा देने के लिये होने वाले मंत्रिमण्डल के विस्तार में ऐसे लोगों के नामों की चर्चा है जो अपने पूर्व कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कारनामों की वजह से इस प्रदेश के खजाने को चूना लगा चुके हैं यदि भाजपा के बुजुर्ग नेताओं के शब्दों में इस प्रदेश को कर्जदार की स्थिति में लाने वाले भी वही भाजपा के नेता हैं जिनका नाम इन दिनों मंत्रिमण्डल के विस्तार में नाम आगे आ रहे हैं | तो भ्रष्टाचार को कोढ़ बताने वाले शिवराज मंत्रिमण्डल में आज कई मंत्री ऐसे हैं जिनको द्वारा भ्रष्टाचार की चर्चा वल्लभ भवन व उनके बंगलों में ही नहीं बल्कि देश के गली-कूचों में भी सुनने को मिल जाती है | उनमें से भ्रष्टाचार के कोढ़ को बढ़ावा देने वाले शिवराज के पता नहीं क्यों चहेते बने हुए हैं| वह मंत्री हैं आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा हालांकि इनकी भजकलदारम की बदौलत इस प्रदेश का टौबेको कंपनी के सर्वे के अनुसार सिगरेट का आदि नहीं बन रहा है बल्कि शराब और अन्य नशे का आदि हो गया है तो वहीं उनकी ही भजकलदारम की स्थिति के चलते यह स्थिति है प्रदेश में रात साढ़े दस बजे के बाद बच्चे के पिलाने के लिये दूध नहीं मिल पायेगा लेकिन शराब २४ घंटे मिल जाऐगी | मुख्यमंत्री ने ही लोगों से पूछा था कि किराने की दुकान पर क्या शराब मिल रही है तो जबलपुर की स्थिति यह है कि वहां सब्जी-भाजी के साथ-साथ अंग्रेजी शराब बिक रही थी जब इस प्रदेश में शराब की इस स्थिति को बनाने का जिम्मेदार कौन है और इस स्थिति से सरकारी खजाने को कितना लाभ हो रहा है? यह भी जांच व शोध का विषय है | यदि लाभ हो रहा है तो फिर काहे को हर दूसरे-तीसरे महीने में सरकार कर्ज लेकर इस प्रदेश को कर्जदार बनाने में लगी हुई है | इसके बाद भी भजकलदारम में माहिर जगदीश देवड़ा मुख्यमंत्री के चहेते बने हुए हैं इस बात को लेकर लोगों में चर्चा का दौर जारी है | मजे की बात तो यह है कि यह वही जगदीश देवड़ा हैं जो अकेले भजकलदारम की नीति के चलते शराब को प्रदेश में घर पहुंच सेवा में महारथ हासिक ली बल्कि इन्होंने ही सिमी के कार्यकर्ता को भजकलदारम की नीति के चलते जेल से छोडऩे की सिफारिश की थी और सरकार की बदनामी हुई तो उसे पुन: जेल में भिजवाया था। भ्रष्टाचार को कोढ़ की संज्ञा देने वाले माननीय मुख्यमंत्री जी आप इस पर भी विचार करें कि आपके ही अधीनस्थ भ्रष्टाचार के कोढ़ को बढ़ावा देने वाले एक आईएसस आपके ही स्टाफ में पदस्थ रहे उनकी कारगुजारी के कारण उनका नाम युवाओं के प्रिय गूगल बाबा की लिस्ट में शामिल होने के बाद भी उन्हीं आईएएस को बुंदेलखंड की एक चर्चित कहावत - कोढ़ी मरे संगाती चाहे, की कहावत को चरितार्थ करते हुए भजकलदारम की कार्यशैली में माहिर जगदीश देवड़ा के विभाग का मुखिया बना दिया गया | आपको शायद यह भी जानकारी तो होगी कि आपके सूत्र मध्यप्रदेश की गली-कूचे ही नहीं बल्कि दूर-दराज के इलाकों में मौजूद हैं? इस जानकारी से आपको अवगत कराया होगा कि प्रदेश के सबसे गरीब जिलों में शुमार अलीराजपुर व उसके पड़ोसी झाबुआ इन दो जिलों के अवैध शराब के कारोबारियों के द्वारा 300 करोड़ की रिश्वत अपने जिलों से लेकर भोपाल तक प्रतिवर्ष तक बांटी जा सकती है तो आप भी जरा अंदाजा लगा सकते हैं कि आबकारी विभाग के पास उनके धंधे को संरक्षण देने के लिये कितनी रकम पहुंचाई जाती होगी तो उसके बाद भी वह जगदीश देवड़ा जो आबकारी विभाग में ही नहीं अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी कई मामलों में झंडे फहरा चुके हैं अभी गत सप्ताह एक मामला मंदसौर कलेक्टर के द्वारा कराई गई कार्यवाही के बाद उजागर हुआ जिसमें अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक बिल्डर को जो भाजपा का नेता है को सरकारी डाक बंगले की जमीन कब्जाने का मामला भी प्रकाश में आया था? पता नहीं आपकी सरकार की नीतियों के चलते वह मामले की क्या स्थिति होगी यह तो भविष्य बतायेगा लेकिन जगदीश देवड़ा के निर्वाचन क्षेत्र में उनकी कारगुजारी के अनेक मामले चर्चाओं में बने रहते हैं? यह वही जगदीश देवड़ा हैं जो स्वयं आबकारी विभाग की तरह ही कमाई वाले विभाग के मंत्री होने के बाद लोगों से कहा करते थे कि मकान तो मैंने अभी बनवाया है उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह साफ जाहिर हो जाता है तो उनके पास कमाई वाला विभाग था तो मकान बनवाया अब जब उनके पास कमाई वाले विभाग है तो उनके पुत्र की शादी के चर्च भी सुर्खियों में रही तो वहीं उनके मंत्रियों पर महीनों तक चली पार्टियों से भी यह उजागर हो जाता है कि जो जगदीश देवड़ा जब भाजपा की सरकार नहीं थी तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा के भोपाल स्थित निवास पर घंटो खड़े रहते हुए लोगों ने उन्हें देखा है, आज वही जगदीश देवड़ा अपने गुरु सखलेचा की नीतियों के चलते भ्रष्टाचारियों और अवैध कारोबार करने का पर्दाफाश किया था उनसे कई गुना आगे निकल रहे हैं। मुख्यमंत्री जी आपके मंत्रिमण्डल में अकेले जगदीश देवड़ा ही भजकलदारम की नीति को अपनाए हुए हैं और इनके अलावा और भी कई च

री हैं जिनके नाते-रिश्तेदार मंत्री महोदय के अनुसार सूची बनाए हुए हैं उस सूची के अनुसार लेनदेन के अनुसार ही काम होता है? जब ऐसी स्थिति आपके मंत्रिमण्डल में है तो आप क्यों भ्रष्टाचार के कोढ़ का ज्ञान दे रहे हैं पहले स्वयं ही जगदीश देवड़ा को बाहर करें तब ही इस प्रदेश की जनता के समझ में आयेगा कि भ्रष्टाचार कोढ़ है, लेकिन इसी कोढ़ के चलते आपके कई मंत्री और प्रदेश के कई अधिकारी व कर्मचारी करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं?

27 November, 2022

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