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भोपाल

आर.एन.आई कर रहा लघु समाचार पत्र -पत्रिकाओं से पेनाल्टी के नाम पर अवैध वसूली

भोपाल 18 मई ; भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक (आर.एन. आई.)द्वारा वर्ष 2023की वार्षिक विवरणी जमा करने पर पत्र-पत्रिकाओं से पुरानी 2004 से अब तक की पेनल्टी के नाम पर हजारों रुपए की डिमांड की जा रही है, इससे देश भर के श्रमजीवी पत्रकार नाराज हैं। साथ ही लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों की हालत दयनीय हो रही है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ, नई दिल्ली की मध्यप्रदेश इकाई जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश जम्प ने हस्तक्षेप करने और इस तरह की अवैध वसूली को फिलहाल स्थगित करने एवं समाचार पत्र पत्रिकाओं को राहत देने की मांग भी की है।रजिस्टार आफ न्यूज पेपर्स नई दिल्ली जिसका मुख्यालय सूचना भवन में है भारत के सभी समाचार पत्रों का पंजीयन यही से किया जाता है । पंजीयन होने के बाद प्रत्येक समाचार पत्र मालिक को प्रति वर्ष वाषिर्क विवरण भेजना अनिवार्य होता है पूर्व में भारत के समाचार पत्रों का पंजीयन कार्यालय द्वारा पहले यह व्यवस्था थी कि (पी.आई.बी.) पत्र सूचना कार्यालय देश के हर राज्य की राजधानी में है जो पहले ऑफलाइन जमा किया जाता था ,2012-13 से ऑनलाइन फॉर्म जमा किया जा रहा था और अब 2023 में ऑनलाइन जमा करने से पहले सरकार ने यह नियम लागू कर दिया कि जो भी प्रकाशक (मालिक)फॉर्म भरेगा उसको पेनाल्टी जमा करना होगा 1 वर्ष की 1000 या 2000 रूपये ही नहीं हजारों रूपये की पेनल्टी निकल रही है ,जो गलत है। वाषिर्क विवरण फार्म भरकर भेजा जाता था, किन्तु विगत वर्षो में यह व्यवस्था आन लाइन (ई-फिलिंग)कर दी गई है सभी समाचार पत्रों के मालिक ई फिलिंग कर रहे है ।किन्तु इस वर्ष ई-फिलिंग फार्म खोलते ही अधिकतम समाचार पत्रों पर हजारों रुपये पेनाल्टी निकाल दी गई है एवं जब तक पेनल्टी जमा नही करा दी जाती फार्म नही भरेगा । जिन समाचार पत्रों ने हर साल फार्म भेजा है उनसे भी पेनाल्टी के नाम पर लूटा जा रहा है जिसकी कही कोई सुनवाई नही हो रही । लघु समाचार पत्र -पत्रिकाओं के मालिक परेशान हो रहे है। इस संबंध में भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ नई दिल्ली की मध्यप्रदेश इकाई जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश जंप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी ने देश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को लिखे अपने पत्र में मांग की है कि श्रमजीवी पत्रकारों के साथ यह अत्याचार बंद हो और ई फाइलिंग के नाम पर जो हजारों रुपए की अवैध वसूली पेनाल्टी बताकर की जा रही है उस पर तत्काल रोक लगाएं वर्ष 2004 से लेकर 2022 तक जिन समाचार पत्र-पत्रिकाओं ने अपने विवरण दे रखी हैं उनसे इस तरह की वसूली की जाना न्याय संगत नहीं है। कोरोना काल में 2 वर्ष से अधिक समाचार पत्र और पत्रिकाओं की माली हालत खराब हो चुकी है साथ ही डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने भी प्रिंट मीडिया के आर्थिक पक्ष को तोड़ कर रख दिया है ऐसे हालात में हजारों रुपए पेनल्टी के नाम पर लिया जाना अन्याय पूर्ण कृत्य है इसकी निंदा की जाना चाहिए। संगठन जंप यह मांग करता है किभारत सरकार अपने रजिस्टर ऑफ न्यूज़पेपर को निर्देश प्रदान करें कि वह इस तरह की कोई भी वसूली समाचार पत्र पत्रिकाओं से फिलहाल न करें और यदि कोई पेनल्टी बनती है तो उसका पहले नोटिस और पर्याप्त कारण समाचार पत्र मालिक को उपलब्ध कराएं तदुपरांत इस तरह का कोई वसूली कार्य किया जाए।डॉ. जोशी ने बताया कि भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह एवं राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज हसन जल्द ही दिल्ली में सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से भेंट करेंगे और निदेशक भारत समाचार पत्र से बैठकर इस मामले में पत्रकारों का पक्ष रखेंगे।

18 May, 2023

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